भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआइ ने दिल्ली के एक क्रिकेटर को दो साल के लिए बैन कर दिया है, जिसने बोर्ड के साथ धोखाधड़ी की है। दिल्ली के प्रिंस राम निवास यादव (Prince Ram Niwas Yadav) नाम के एक खिलाड़ी ने खुद को दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (DDCA) में 2018-19 में खुद को अंडर 19 एज ग्रुप कैटेगरी में शामिल कराया था।
ठीक ऐसा ही उसने 2019-20 के सीजन में भी किया है, जिसके कारण बीसीसीआइ ने ये अहम कदम उठाया है।लगातार दो सीजन में राम निवास यादव नाम के खिलाड़ी ने एक ही उम्र बोर्ड के सामने पेश की है, जिसके बार्ड ने इस खिलाड़ी को तत्काल प्रभाव से घरेलू स्तर के किसी भी तरह के क्रिकेट में भाग लेने से 2020-21 और 2021-22 की सीजन से प्रतिबंधित कर दिया है।
बीसीसीआइ को दिए फर्जी सर्टिफिकेट
इस बारे में बीसीसीआइ ने जानकारी दी है कि प्रिंस राम निवास यादव ने एक से अधिक बर्थ सर्टिफिकेट (जन्म प्रमाण पत्र) बोर्ड को जमा किए हैं और बीसीसीआई से कम एज ग्रुप के टूर्नामेंट में खेलने का फायदा उठाया है। दो साल के बैन के बाद इस खिलाड़ी को सिर्फ सीनियर मेंस क्रिकेट टूर्नामेंट में खेलने की इजाजत होगी। बीसीसीआइ ने इससे पहले जम्मू-कश्मीर के खिलाड़ी रसिख सलाम को भी उम्र में झोल करने के चक्कर में इसी तरह की सजा दी थी।
2012 में इस खिलाड़ी ने पास की थी दसवीं
प्रिंस राम निवास यादव ने बीसीसीआइ को जो मौजूदा जन्म प्रमाण पत्र जमा कराया है उसके मुताबिक राम निवास की जन्म दिन की तारीख 12 दिसंबर 2001 है, लेकिन जब बीसीसीआइ ने Central Board of Secondary Education यानी सीबीएसई से जन्म प्रमाण पत्र की जांच करने के लिए संपर्क किया तो पाया गया कि इस खिलाड़ी ने साल 2012 में दसवीं पास की थी और उसकी वास्तविक जन्म तिथि 10 जून 1996 है।