दिल्ली के साथ एनसीआर के लोगों के लिए भी राहत की खबर है, क्योंकि दिल्ली मेट्रो फेज चार की परियोजना पर अब इसी महीने दिसंबर में ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। सबसे पहले जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम मेट्रो लाइन पर केशोपुर से पीतमपुरा के बीच एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण कार्य शुरू होगा। इस हिस्से पर एलिवेटेड कॉरिडोर के अलावा 10 स्टेशन भी बनेंगे। करीब ढाई साल में यह काम पूरा होगा। इस कॉरिडोर पर काम शुरू होने के बाद फेज चार के अन्य कॉरिडोर के काम में गति आएगी।
दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail corporation) जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम मेट्रो लाइन पर केशोपुर से पीतमपुरा के बीच एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण के लिए टेंडर आवंटित कर चुका है। साथ ही कॉट्रेक्टर कंपनी को काम शुरू करने का आदेश भी दे चुका है। माना जा रहा है कि फेज-4 का काम पूरा होते ही दिल्ली-एनसीआर में मेट्रो यात्रियों की संख्या 40 लाख लोगों को भी पार कर जाएगी और यह रोजाना 50 लाख मेट्रो यात्रियों तक भी जा सकती है।
निर्माण की शुरुआत में एक महीने की देरी
पहले डीएमआरसी ने नवंबर के अंत तक कॉरिडोर का निर्माण शुरू कराने की बात कही थी। हालांकि निर्माण शुरू नहीं हो सका है। डीएमआरसी के अनुसार, काम शुरू करने की तैयारी चल रही है। कॉरिडोर के लिए आवंटित जगह को कब्जे में लेकर उसको घेरने के बाद काम शुरू करने में थोड़ा वक्त लगेगा।
कुल 103.94 km कॉरिडोर का होगा निर्माण
उल्लेखनीय है कि फेज चार में छह मेट्रो कॉरिडोर का निर्माण होना है, जिसकी कुल लंबाई 103.94 किलोमीटर होगी। मौजूदा समय में तीन प्रमुख कॉरिडोर को निर्माण के लिए मंजूरी मिली है। जिसमें जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम, तुगलकाबाद-एरोसिटी व मुकुंदपुर-मौजपुर मेट्रो लाइन शामिल है। डीएमआरसी इन तीनों लाइन के एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण को टेंडर प्रक्रिया शुरू कर चुका है। हालांकि इसके भूमिगत कॉरिडोर का काम शुरू होने में अभी वक्त लग सकता है।
इन मेट्रो स्टेशनों का शुरू होना है काम
जिन 10 स्टेशनों का काम शुरू होने वाला है, उसमें केशोपुर, पश्चिम विहार, पीरागढ़ी, मंगोलपुरी, वेस्ट एंक्लेव, पुष्पांजलि, दीपाली चौक, मधुबन चौक, प्रशांत विहार और नॉर्थ पीतमपुरा शामिल हैं।
यहां पर बता दें कि दिल्ली मेट्रो रेल निगम फिलहाल दिल्ली के साथ गुरुग्राम में रैपिड मेट्रो का भी संचालन कर रहा है। इस रैपिड मेट्रो के जरिये 60000 से अधिक यात्री रोजाना सफर करते हैं। वहीं, नोएडा ग्रेटर नोएडा मेट्रो (Aqua line) से भी 20000 से अधिक यात्री रोजाना दिल्ली व अन्य शहरों को आते-जाते हैं। ऐसे में धीरे-धीरे दिल्ली मेट्रो का दायर बढ़ता जा रहा है।