लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दिल्ली विधानसभा में तीन दिवसीय दसवीं राष्ट्रमंडल युवा संसद का उद्घाटन किया। 27 नवंबर तक चलने वाले इस तीन दिवसीय आयोजन में 24 देशों के 47 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। इसमें दिल्ली सहित 11 प्रतिभागी भारत से होंगे। दिल्ली विधानसभा में कॉमनवेल्थ में शामिल सभी देशों के झंडे लगाए गए हैं। इसी वजह से पाकिस्तान का भी झंडा लगाया गया है। हालांकि, पाकिस्तान इसमें शामिल नहीं हो रहा है।
उद्घाटन के अवसर पर राष्ट्रमंडल संसद की कार्यकारी समिति की सभापति और कैमरून नेशनल पार्लियामेंट की उपाध्यक्ष एमीलिया लिफाका मौजूद रहे। इस मौके पर एमीलिया लिफाका के अलावा दिल्ली के सीएम केजरीवाल, विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल और कई विधायक भी मौजूद थे।
यह पहली बार है कि भारत की कोई विधानसभा राष्ट्रमंडल युवा संसद की मेजबानी कर रही है। यह आयोजन आज से 27 नवम्बर तक चलेगा। यह कार्यक्रम युवाओं को विधायी प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी देने और विधायी प्रक्रियाओं और निर्णय लेने में उनकी भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए आयोजित किया जा रहा है।
18 से 29 वर्ष आयु वर्ग के प्रतिभागी ले रहे हैं हिस्सा
इस मॉक संसद में 18 से 29 वर्ष आयु वर्ग के प्रतिभागी हिस्सा लें रहे हैं। जिनमें छात्र, संसदीय अधिकारी और युवा नेता शामिल हैं। यह मॉक संसद युवाओं को एक प्रजातांत्रिक संस्थान और सुशासन के रूप में विधायिका की भूमिका और उद्देश्य से अवगत कराने का अवसर है। इससे युवाओं को संसदीय प्रजातंत्र के विविध पहलुओं का अनुभव करने और विधायी प्रक्रिया की बारीकियों को समझने का मंच मिलेगा।
लोकतंत्र में सभी को अपने विचारों को रखने का अधिकारः ओम बिरला
इस मौके पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दूसरे देशों से आए सदस्यों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि आज देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 जयंती मना रहा है। उनके बताए रास्ते पर सभी को चलने की जरूरत है। इस युवा संसद से आप सब को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। भारत लोकतांत्रिक देश है। लोकतंत्र में सभी को अपने विचारों को रखने का अधिकार है। इसलिए विपक्ष को भी सम्मान दिया जाता है।
युवाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डिसीजन मेकिंग में शामिल किया जाना चाहिए। युवाओं के पास विचारों का भंडार होता है। इस युवा संसद से भाग ले रहे प्रतिभागियों को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा।