दुनियाभर के वैज्ञानिक निरंतर नई खोजों के माध्यम से दूसरे ग्रहों पर जीवन का पता लगाने में जुटे हैं। इसी कड़ी में अमेरिका के वैज्ञानिकों ने अब तक का सबसे हाई क्वालिटी का एक नया कैमरा विकसित किया है, जिसके बारे में उनका कहना है कि यह अन्य ग्रहों पर जीवन के रासायनिक संकेतों की खोज और डार्क मैटर का पता लगाने में उपयोगी साबित हो सकता है। अमेरिका में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्टैंडर्ड एंड टेक्नोलॉजी (एनआइएसटी) के शोधकर्ताओं द्वारा विकसित किया गया यह कैमरा एक हजार से अधिक सेंसर या पिक्सल से बना है। इसकी सटीकता इतनी है कि यह एक फोटान यानी प्रकाश के कण तक की गणना कर सकता है।
‘ऑप्टिक्स एक्सप्रेस’ जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया कि इस कैमरे में सुपर कंडक्टिंग नैनोवायर से बने सेंसर लगे हुए हैं। शोधकर्ताओं ने बताया कि नैनोवायर डिटेक्टर फोटान की गणना इतनी सटीकता से करते हैं कि बाहरी शोर उसे प्रभावित नहीं करता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि यह फीचर डार्कमैटर की खोज और खगोल विज्ञान के लिए बहुत उपयोगी है। भविष्य में इस कैमरे का अंतरिक्ष आधारित टेलीस्कोप में उपयोग करके अन्य ग्रहों पर जीवन के रासायनिक संकेतों की खोज की जा सकती है। नये कैमरे से विशेषकर डार्क मैटर की खोज भी की जा सकती है। माना जाता है कि सारा बृह्मांड इसी डार्क मैटर से बना है।
यह कैमरा आकार में छोटा है, इसमें हाई रेजोल्यूशन की तस्वीर लेने के लिए 1,024 सेंसर (32 पंक्तियों और 32 कॉलम में) फिट हैं। एनआइएसटी के इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर वरुण शर्मा ने कहा, ‘कैमरा बनाने के लिए मेरी सबसे पहली प्रेरणा नासा की ओरिजिन स्पेस टेलीस्कोप परियोजना है। यह हमारे सौरमंडल के बाहर के तारों के चक्कर लगाने वाले गृहों की रासायनिक संरचना का विश्लेषण करती है। इसके माध्यम से जीवन के स्रोतों का पता लगाने की कोशिश की जाती है।
रासायनिक संकेत से कैसे चलता है जीवन का पता
किसी भी ग्रह के वातावरण में पाए जाने वाला रासायनिक तत्व प्रकाश के रंगों का एक अनूठा सेट अवशोषित करते हैं। इसी अवशोषण के माध्यम से गृह के वातावरण में मौजूद तत्वों के बारे में पता चलता है। विशेषकर रूप से वे जो पानी, ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड को जन्म दे सकते हैं। अगर किसी ग्रह के रासायनिक संकेत इन बातों की पुष्टि करते हैं तो उसमें जीवन की संभावना मानी जा सकती है।