काठमांडू : नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा है कि वह भारत को कालापानी क्षेत्र से अपने सशस्त्रबलों को हटाने के लिए कहेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अपनी एक इंच जमीन पर भी किसी को अतिक्रमण करने नहीं देगी। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट से मिली। भारत ने इसी माह के प्रारंभ में नवसृजित केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर और लद्दाख तथा भारत के मानचित्र जारी किए थे। भारत के नक्शे में इन केंद्र शासित प्रदेशों के अलावा कालापानी विवादित क्षेत्र को भी भारत का हिस्सा बताया गया है।
विदित हो कि पिछले छह नवंबर को नेपाल सरकार ने कहा था कि मीडिया की खबरों से कालापानी भारतीय मानचित्र में शामिल किए जाने की ओर उसका ध्यान गया। ओली ने कहा कि सरकार विवादित कालापानी क्षेत्र से भारतीय सशस्त्र बलों को हटाने के लिए कदम उठाएगी। नेपाली प्रधानमंत्री के निजी सचिव की ओर जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘हमारी राष्ट्रभक्त सरकार किसी को भी नेपाल की सरजमीं का एक इंच भी अतिक्रमण नहीं करने देगा। पड़ोसी देश भारत को कालापानी क्षेत्र से अपने जवानों को वापस बुला लेना चाहिए।’
उन्होंने इस पर जोर देकर कहा कि उनकी सरकार कूटनीति के माध्यम से कालापानी मुद्दे का हल चाहती है। दरअसल प्रधानमंत्री का बयान ऐसे समय में आय है जब मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस ने अपने सहयोगी संगठन नेपाल स्टूडेंट्स यूनियन को इस मांग के साथ सड़क पर उतार दिया है। नेपाल के बड़े राजनीतिक दलों ने भारत सरकार के नए मानचित्रों पर आपत्ति की है जिनमें कालापानी को भारत की सीमा के अंदर दिखाया गया है। नेपाल के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि नेपाल सरकार इस बात पर स्पष्ट है कि कालापानी नेपाल का है।