ईरान ने रविवार को बुशहर में अपने दूसरे परमाणु बिजलीघर में काम शुरू कर दिया। 2015 में अमेरिका सहित दुनिया के प्रमुख देशों के साथ हुए परमाणु समझौते के बाद ईरान ने इस बिजलीघर में काम रोक दिया था। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा समझौते से पीछे हट जाने और प्रतिबंध लगा देने से ईरान अब परमाणु क्षमता हासिल करने के रास्ते पर तेजी से कदम बढ़ा रहा है। हालांकि परमाणु हथियार बनाने के लक्ष्य से अभी वह काफी दूर है।
ईरान ने परमाणु बिजलीघर में दूसरे रिएक्टर के लिए निर्माण का कार्य अपने तेल बिक्री पर लगे अमेरिकी प्रतिबंध के बावजूद शुरू किया है। ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रमुख अली अकबर सालेही ने कहा, समझौता हमने नहीं तोड़ा है। समझौता अमेरिका ने एकतरफा फैसले के तहत तोड़ा है। अब हम अपनी जरूरतों के मुताबिक परमाणु क्षमता विकसित कर रहे हैं।
बुशहर में रूस का यूरेनियम इस्तेमाल होता है और उसकी निगरानी संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत कार्य करने वाली अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी करती है। ईरान ने बुशहर में यूरेनियम को 4.5 प्रतिशत तक शोधित करने का लक्ष्य रखा है जबकि अंतरराष्ट्रीय परमाणु समझौते में उसे 3.67 प्रतिशत शोधन की अनुमति मिली थी। परमाणु हथियार बनाने के लिए करीब 90 प्रतिशत शुद्ध यूरेनियम की जरूरत होती है जिससे ईरान अभी काफी दूर है।
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ईरान लंबे समय से परमाणु कार्यक्रम चलाए हुए है। इसलिए वह एक साल में ही परमाणु बम बनाने लायक शुद्ध यूरेनियम एकत्रित कर सकता है। वैसे उसने प्रमुख देशों के साथ समझौते में परमाणु ऊर्जा का शांतिपूर्ण कार्यो के लिए इस्तेमाल करने का वादा किया था। तेहरान से करीब 700 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बुशहर में दूसरा रिएक्टर तैयार करने के लिए काम शुरू हुआ है। यह रिएक्टर रूस के सहयोग से तैयार हो रहा है और इससे एक हजार मेगावाट बिजली पैदा होगी।
यूएई ने कही ईरान से रिश्ते सुधारने की बात
खाड़ी संकट के बीच संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने ईरान के साथ संबंध सुधारने की जरूरत बताई है। कहा है कि खाड़ी के देशों को कूटनीतिक प्रयासों से ईरान से संबंध सुधारने चाहिए। यूएई के विदेश राज्य मंत्री अनवर गारगेश की ओर से यह बयान अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ रहे तनाव के बीच आया है।