इस्लामाबाद : पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने शनिवार को अयोध्या में सदियों पुराने धार्मिक स्थल के स्वामित्व पर भारतीय उच्चतम न्यायालय के फैसले पर सवाल उठाए हैं। कुरैशी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अदालत ने अपने फैसले में पहले से ही दबे हुए मुस्लिम समुदाय को और दबाया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का विदेश मंत्रालय इस फैसले का विस्तार से अध्ययन करने के बाद ही कोई अधिकृत बयान जारी करेगा। कुरैशी ने यह भी कहा कि आज ही के दिन क्यो यह फैसला दिया गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय उच्चतम न्यायालय ने लम्बे समय से चल रहे इस विवादित मामले पर आज निर्णय दिया है उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा कि यह फैसला आज ही क्यों दिया गया है। उन्होंने कहा कि अयोध्या पर यह फैसला करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन वाले दिन ही आया है जो पहले से ही दबे कुचले लोगों पर और दवाब डालेगा।
उल्लेखनीय है कि भारतीय उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को मुसलमानों द्वारा दावा किए गए एक सदियों पुराने धर्मिक स्थल पर लंबे समय से चली आ रही कानूनी लड़ाई में हिन्दुओं के पक्ष में फैसला सुनाया है जो उस स्थल पर एक हिन्दू मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करता है। शीर्ष अदालत ने मुसलमानों को भी अयोध्या में ही वैकल्पिक भूखंड देने का आदेश दिया है। साल 1992 में विवादित ढ़ाचें का विध्वंस हुआ था। पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शीरीन मजारी ने भी फैसले के समय को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यदि यह फैसला पहले सुनाया दिया जाता तो संभवत: करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन नहीं हो पाता। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के संघीय मंत्री फवाद चौधरी ने भी इस निर्णय को अवैध और अनैतिक बताया है।