दिल्ली की आबोहवा लगातार दूसरे दिन बेहद खराब स्तर पर बनी रही। हालांकि, बृहस्पतिवार के 309 की तुलना में शुक्रवार को इसमें 21 अंक की बढ़ोतरी दर्ज हुई। इस दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 330 रिकॉर्ड किया गया।
सफर का कहना है कि हवा की दिशा दक्षिण पूर्वी होने से पराली का धुंआ दिल्ली नहीं पहुंच सका। शुक्रवार को दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं का हिस्सा सिर्फ तीन फीसदी रहा। दूसरी तरफ, शनिवार को एक बार फिर हवा की दिशा बदलेगी। हवाओं के हरियाणा की तरफ से चलने से पराली के धुएं के बढ़ने का अनुमान है।
सफर के मुताबिक, शनिवार को दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं का हिस्सा 8 फीसदी हो सकता है। हालांकि, अगले तीन दिन तक हवा की चाल तेज होने से यह दिल्ली में जमा नहीं हो पाएगा। वहीं, प्रदूषण के स्थानीय कारक पहले जैसे बने हुए हैं। इससे हवा की गुणवत्ता शुक्रवार की तरह बेहद खराब स्तर पर बनी रहेगी।
पराली के धुएं और प्रदूषण से संबंधित रिपोर्ट सफर ने शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन साझी की। इसमें बताया गया है कि पंजाब व हरियाणा में पराली जलाने का सीधा असर दिल्ली के प्रदूषण पर नहीं पड़ता। 6 नवंबर को पराली ज्यादा जलने से पीएम2.5 की मात्रा ज्यादा रही।