नेहरू म्यूजियम लाइब्रेरी सोसाइटी से निकाले जाने के बाद उसके संस्थापक सदस्य और कांग्रेस नेता कर्ण सिंह ने कहा कि मुझे सरकार की इस मंशा पर शक है. उन्होंने कहा कि जो लोग नए नियुक्त हुए हैं, उन पर कुछ नहीं कहूंगा, लेकिन मुझे इनकी मंशा पर शक हो रहा है.
कर्ण सिंह ने कहा कि नेहरू यहां 17 साल तक रहे और यह उनकी विरासत है. जो लोग नेहरू का नाम लेने से भी परहेज करते हैं, आज उन लोगों को सदस्य बना दिया. अब यह पूरी तरह से सरकारी संस्था बन गई है.
कर्ण सिंह ने कहा कि नेहरू म्यूजियम की जगह मोदी सरकार सभी प्रधानमंत्रियों का स्मारक बनाना चाहती थी, जिसका विरोध हमने कमेटी में किया था और कहा था कि एक अलग जगह स्मारक बने. मैं नहीं जानता यह क्या करना चाहते हैं, लेकिन विश्व प्रसिद्ध संस्था को नष्ट करना चाहते हैं.
इस बयान पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार सब कुछ राजनीतिक मंशा से कर रही है. सरकार ने यह निर्णय केवल इसलिए लिया है कि उसके अपने लोग इस पैनल में शामिल हो सकें.