पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ चल रहे आजादी मार्च को लेकर जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (JUI-F) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने नई रणनीति बनाई है। इमरान खान सरकार के खिलाफ आजादी मार्च’ की लहर को बनाए रखने के लिए अगले दो दिनों में कठोर फैसले लेने का संकेत दिया गया है। इसमें पीएम इमरान खान को उनके आवास में घेरने की कोशिश भी की जा सकती है।
‘हमारा इतिहास आंदोलनों से भरा हुआ है…हमें कल या परसों में एक फैसला लेना है।’ डॉन न्यूज के मुताबिक जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (JUI-F) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान के हवाले से शनिवार की रात यहां के प्रतिभागियों को अपने संबोधन में यह बात कही।
उन्होंने साथ ही कहा कि ‘हम स्थिति को खराब नहीं करना चाहते हैं। नौ महीनों में पंद्रह मिलियन मार्च इस बात के सबूत के लिए पर्याप्त हैं कि हम कितने संगठित थे और कैसे (मार्च के प्रतिभागियों) ने कानून और व्यवस्था की स्थिति को बनाए रखा है।’
वहीं कट्टरपंथी मौलाना फजलुर रहमान ने संकेत दिया कि वह प्रधानमंत्री इमरान खान को अपने आवास पर हमला करके इस्तीफा देने के लिए मजबूर करने का प्रयास कर सकते हैं।जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम पार्टी के प्रमुख फजलुर रहमान के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि वो अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे इसकी घोषणा इस्लामाबाद में हुई बैठक के बाद विपक्षी दलों की प्रतिनिधि संस्था रहबर कमेटी ने की।
उन्होंने कहा कि इमरान खान सरकार ने अपने पहले साल में पिछले 70 वर्षों के दौरान सामूहिक रूप से पिछले सभी प्रशासनों की तुलना में अधिक पैसा उधार लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार के कार्यकाल के दौरान मुद्रास्फीति में लगातार वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा, वर्तमान सरकार के तहत देश की अर्थव्यवस्था प्रत्येक और हर गुजरते दिन के साथ और अधिक गिरावट आएगी। पाकिस्तान में गरीब लोग अपने बच्चों के लिए राशन खरीदने में असमर्थ हैं। जेयूआई-एफ प्रमुख ने कहा कि सरकार की निष्ठा समाप्त हो गई है और अब हम देश को चलाएंगे।