दिल्ली कांग्रेस की चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख कीर्ति आजाद ने कहा है कि वह आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं हैं, लेकिन पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी का जो भी आदेश होगा, उसका वह पालन करेंगे. मुख्यमंत्री पद के लिए चेहरे से जुड़े सवाल पर आजाद ने कहा कि वह फिलहाल सोनिया गांधी की टीम के ‘सिपाही’ के रूप में कर्म करने में लगे हुए हैं.
आजाद ने यह दावा भी किया कि अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. दो दशक के बाद दिल्ली की राजनीति में वापसी करने वाले आजाद ने कहा, ‘‘सोनिया जी ने कहा कि मुझे यह जिम्मेदारी संभालनी है तो मैंने इसे स्वीकार किया क्योंकि मैं खिलाड़ी आदमी हूं, अनुशासन में रहने वाला हूं. आशा करता हूं कि सोनिया जी ने मुझ पर जो विश्वास जताया है कि उस पर मैं खरा उतरूंगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने 25 साल भाजपा में सेवा की और जब भ्रष्टाचार उजागर किया तो निकाल दिया गया. कांग्रेस में मुझे मान-सम्मान दिया गया है. अपने पिता के घर वापस आया हूं.’’
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस ने उन्हें परोक्ष रूप से मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर पेश किया है तो उन्होंने कहा, ‘‘ मैं इन सब चीजों के बारे में सोचता नही हूं. भगवान कृष्ण ने कहा था कि कर्म किए जा, फल की इच्छा मत रख. मैं टीम का सिपाही हूं. मेरी कप्तान सोनिया जो आदेश देंगी, वह मैं करूंगा. मैं आज की सोचता हूं. जो कुछ होता है, वह पार्टी तय करती है.’’ उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली कांग्रेस पूरी तरह एकजुट है और सभी नेता साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे.