महाराष्ट्र चुनाव में भले ही भाजपा-शिवसेना गठबंधन ने विजय हासिल की हो लेकिन दिल जीतने का काम मराठा दिग्गज शरद पवार ने किया। उनकी सहयोगी कांग्रेस ने राज्य में लड़ने से पहले ही हार स्वीकार कर ली थी, ऐसे समय में एनसीपी प्रमुख पवार ने भाजपा-शिवसेना को जमकर टक्कर दी। चुनाव विश्लेषकों का मानना है कि पवार ने अपनी पार्टी के साथ कांग्रेस की नैया पार लगा दी। पवार के राजनीती करने का अंदाज अलग है, एक बार फिर यह साबित हो गया।
भाजपा ने चुनाव से पहले ही घेरने के लिए कांग्रेस-एनसीपी में सेंध लगानी शुरू कर गई थी। एनसीपी के तीस से ज्यादा नेता भाजपा या शिवसेना में शामिल हो गए, इनमें से कई उनके भरोसेमंद और कई बरसों से साथ थे। मगर पवार ने प्रचार में इन नेताओं की कमी खलने नहीं दी। यही वजह है कि 2014 में जहां एनसीपी जीती थी, उनमें से अधिकतर पर वापस लौटी है।