मृतक के व्यावसायिक सहयोगी की तलाश में ताबड़तोड़ छापेमारी
वाराणसी : कैंट थाना क्षेत्र के पहड़िया अशोक विहार कॉलोनी फेज-2 में रविवार देर रात पूर्व डीआईजी के बिल्डर बेटे बलवंत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी पंकज चौबे को गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल पुलिस पूछताछ में जुटी हुई है। वाराणसी के मूल रूप से बड़ागांव थाना के अकोढ़ा गाव के रहने वाले बलवंत सेवानिवृत्त डीआईजी सभाजीत सिंह के बेटे थे। जिनकी पहड़िया क्षेत्र की अशोक विहार कॉलोनी फेज-2 में रात गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मौके से मिले खोखे के आधार फोरेंसिक टीम ने स्पष्ट किया है कि घटना में .32 बोर की देसी पिस्टल प्रयोग की गई।
घटना के अनुसार सोमवार को पूर्व डीआईजी के शिवपुर तरना स्थित आवास पर और बीएचयू पोस्टमार्टम हाउस पर परिजन, शुभचिंतक जुटे रहे। पुलिस टीम इस हत्या के सिलसिले में मृतक के व्यावसायिक सहयोगी की तलाश में ताबड़तोड़ छापेमारी कर रही है। तरना निवासी पूर्व डीआईजी सभाजीत सिंह के पुत्र बलवंत सिंह (42) भवन निर्माण कार्य (बिल्डर) से जुड़े थे। बलवंत सत्य साई बाबा इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में पार्टनर भी थे। बलवंत का इन दिनों अपने एक व्यावसायिक पार्टनर कांग्रेस नेता पंकज चौबे से लेन-देन का विवाद चल रहा था। रविवार की देर रात बलवंत को उनके एक पार्टनर रामगोपाल सिंह ने अशोक बिहार कालोनी फेज-2 स्थित आवास पर दावत के लिए बुलाया था।
बलवंत खाना खाकर घर के लिए निकले। पार्टनर के आवास से चंद कदम दूर ही पहुंचे थे कि कुछ लोगों ने उन्हें गोली मार दी। गोली बलवंत के पेट में लगी और वे चीख कर जमीन पर गिर पड़े। यह देख हमलावर मौके से भाग निकले। गोली की आवाज सुन कर बलवंत के मित्र और आसपास के लोग वहां पहुंचे। बलवंत के मित्रों ने पुलिस और परिजनों को सूचना देकर तत्काल उन्हें वाहन में लादकर मलदहिया स्थित एक निजी अस्पताल में पहुंचाया जहां चिकित्सकों ने बलवंत को मृत घोषित कर दिया। तब तक सूचना पाकर बलवंत के परिजन, रिश्तेदार और पुलिस भी अस्पताल पहुंच गई। बलवंत की हत्या से नाराज उनके परिजनों और दोस्तों ने अस्पताल के बाहर जमकर हंगामा किया। सूचना पर कई थानों से पुलिस के अलावा पीएसी बुलाई गई।