राजीव गांधी वार्ड के सदस्यों की सराहनीय पहल
लखनऊ : स्वच्छता प्रोत्साहन समिति, राजीव गांधी वार्ड-द्वितीय, गोमतीनगर के सदस्यों ने सड़क के किनारे लगे वृक्षों पर पेंट से चित्रकारी कर तथा साइकिल पथ के दोनों तरफ घास व हेज लगाकर शहर को स्टार्ट सिटी बनाने की दिशा में लोगों को जागरूक कर रहे हैं। बता दें कि राजीव गांधी वार्ड-।।, जिसके पार्षद अरुण तिवारी तथा स्वच्छता प्रोत्साहन समिति के अध्यक्ष डा0 भरत राज सिंह व सचिव रामायण सिंह है, ने स्वच्छता अभियान-2018 में राजीव गांधी वार्ड-।। लखनऊ में प्रथम स्थान तथा पूरे प्रदेश में तीसरा ग्रहण किया। पार्षद तिवारी के प्रयास से राजीव गांधी वार्ड-।। निरन्तर स्वच्छता, सिंगल उपयोग प्लास्टिक को समाप्त करने तथा शहर को स्मार्ट-सिटी के स्वरूप को परिवर्तित करने का निरन्तर नये-नये प्रयास कर शहरवासियों को सजग कर रहे है।
अभी पिछले 15-20 दिनों से राम भवन चौराहे तथा 110 मीटर साइकिल पथ को सौन्दरीकरण का एक नया प्रयोग भी किया जा रहा है जिसमें डॉ0 भरत राज सिंह पर्यावरणविद के सलाह पर पेड़ों में पेन्टिंग तथा चित्रकारी व पेड़ों के स्थलों के थाले बनाकर बालू व ग्रैवल से सौन्दरीकरण किया जा रहा है। इसके साथ ही ‘साइकिल पथ’ के दोनों तरफ को हरा-भरा करने के लिए घास व हेज़ लगाकर एक आकर्षण का केन्द्र बनाने का प्रयास किया जा रहा है। पेड़ों में पेन्टिगं के पूर्व उनकी तनों के छालों को साफ-सुथरा कर ‘एण्टीट्रमाईटड’ ट्रीटमेन्ट के उपरान्त प्राइमर तथा एशियन पेन्ट, जिसमें कोई नुकसान दायक केमिकल नहीं है, से पेन्टिंग व चित्रकारी हो रही है। पेड़ों के स्वरूप में बिना कोई फेरबदल किये उन्हें पेन्ट किया गया तथा कुछ प्रयोगात्मक तौर 50 मीटर का काम प्रारम्भ किया गया, जिस पर लोगों द्वारा विभिन्न शोध-संस्थाओं द्वारा अपनी-अपनी विभिन्न राय व्यक्त की गयी।
डॉ0 सिंह का कहना है कि यद्यपि इस प्रकार के सौन्दरीकरण के प्रयोग विदेशों में आस्ट्रेलिया के सिडनी का फ्रान्स में भी उन्होंने देखा है, इससे पेड़ों को कोई नुकसान नहीं है, बल्कि उनका कहना है, पेड़ों को तनों को पेन्ट करने से जड़ों से पानी पेड़ के टहनि या पत्तों तक बिना तनों से वाष्पीकरण से प्रचुर मात्रा में पहुँचेगा, जिससे उनकी ग्रोथ अधिक होगी। डॉ0 सिंह व अरूण तिवारी शुक्रवार को सभी पेन्ट किये हुए पेड़ों का गहन परीक्षण किया और यह पाया गया कि कई पेड़ों में जड़ों के पास नये-नये कल्ले निकलने शुरू हो गये तथा एक सूखे व खोखले पेड़ जो मृत-तुल्य है, उसमें भी कल्ले निकल रहे है। आशा है इस प्रयोग को शहरवासी अवश्य देखेंगे तथा अपने घरों के आस-पास प्रयोगकर पेड़ों के ग्रोथ में यथासम्भव बढ़ोत्तरी के साथ शहर के सौन्दरीकरण में हाथ बंटाएंगे।