भारत की युवा मुक्केबाज मंजू रानी को विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप में रजत पदक से संतोष करना पड़ा है। पहली बार विश्व चैंपियनशिप में भाग ले रही छठी वरीयता प्राप्त मंजू ने रविवार को 48 किग्रा भारवर्ग के फाइनल में शानदार खेल दिखाया लेकिन रुसी खिलाड़ी के आगे टिक नहीं पाई। उन्हें मेजबान रूस की दूसरी वरीयता प्राप्त खिलाड़ी एकातेरिना पाल्टसेवा के हाथों 4-1 से हार का सामना करना पड़ा।
हालांकि इसके बावजूद मंजू ने इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज करा लिया। मंजू 18 सालों बाद दूसरी ऐसी मुक्केबाज बन गई हैं जिसने अपने पहले ही वर्ल्ड चैंपियनशिप में फाइनल में जगह बनाई है। उनसे पाहले 2001 में स्टार मुक्केबाज मैरी कॉम ने ये उपलब्धि हासिल की थी।
मंजू के फाइनल में हार के बाद विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भारत की चुनौती भी समाप्त हो गई। भारत की तरफ से मंजू रानी ने रजत पदक, मैरी कॉम, जमुना बोरो और लवलीना ने कांस्य पदक जीते।