साल की शुरू होने के साथ ही अफगानिस्तान और खासकर राजधानी काबुल पर हमले नहीं रुके. अफगानिस्तान में कार्यरत संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएएमए) ने रविवार को ताजा आंकड़े जारी किये जो भयावह है. लोगों के पलायन के बीच 2018 में अब तक अफगानिस्तान में जारी संघर्ष और आतंकी हमलों में रिकॉर्ड 1,692 आम नागरिकों ने अपनी जान गवाई है. 3,430 नागरिक घायल भी हुए .
आंकड़े शिन्हुआ न्यूज एजेंसी ने यूएनएएमए के हवाले से लिए गए है.
-जो इस साल एक जनवरी से 30 जून के बीच के हैं
-पिछले 10 वर्षो की तुलना में इस साल पहले छह महीनों में ही सबसे अधिक आम नागरिकों की जान चली गई
-मौत की पहली बड़ी वजह इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस(आइईडी) का इस्तेमाल है
-इस विस्फोटक का इस्तेमाल आतंकी आत्मघाती हमले सहित अन्य हिंसक गतिविधियों में करते हैं।
-आइईडी के प्रयोग से करीब आधे आम नागरिकों की मौत हुई है
-मौत की दूसरी बड़ी वजह सेना और आतंकियों की बीच जारी संघर्ष है
– इनमें हवाई हमले और आमने-सामने की लड़ाई शामिल है
– 67 फीसद नागरिकों की मौत तालिबान व अन्य कट्टरपंथी संगठनों के हमले में गई
– वहीं, 20 फीसद की जान सेना के हमले में गई
-बाकी बचे 13 प्रतिशत की मौत अन्य कारणों से हुई है
-सिलसिला जारी है