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देश की सुरक्षा और एकता के लिए यह जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि यह हर किसी को पता है कि इसके बाद दोबारा मौका नहीं मिलेगा और दोबारा चुनाव का सामना करना पड़ेगा। विदित हो कि 17 सितंबर को हुए चुनाव में मौजूदा प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी को 32 सीटें, विपक्षी दल के नेता बैनी गैंट्ज़ की पार्टी को 33 सीटें मिली हैं। ऐसे में अगर जल्द सरकार का गठन नहीं होता है, तो राष्ट्रपति की ओर से एक बार फिर चुनाव का आदेश दिया जाएगा। इस तरह इजरायल को एक साल में तीसरी बार चुनाव का सामना करना पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि इजरायल में सरकार बनाने के लिए कुल 61 सीटें चाहिए, लेकिन दोनों प्रमुख पार्टियां अपने-अपने गठबंधनों के साथ भी 50 के आंकड़े तक पहुंच पाई हैं। इनके अलावा कुछ छोटी पार्टियां हैं जिनके पास ऐसे नंबर हैं जो सरकार बनाने में किंगमेकर हो सकती हैं, इन्हीं में से एक एविग्डोर लिबरमैन की पार्टी के पास अभी 8 सीटें हैं जो सरकार की दिशा तय कर सकती है।