भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा कर्नाटक के बंगलूरू पहुंचे हैं। जहां वह ‘एक देश एक संविधान’ पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे हैं। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के बारे में गलत धारणा थी कि ये कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देता है। नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी के सभी नेताओं ने गलतफहमी फैलाने के लिए ये झूठ बोला। जबकि भारतीय संविधान में लिखा है कि 370 अस्थायी है और बदलने वाला है।
नड्डा ने कहा, ‘शेख अब्दुल्ला ने 1951 में पहली बार विधानसभा चुनाव में अपनी मनमर्जी से 75 विधायक अपनी पार्टी के बना लिए थे। तब से अनुच्छेद 370 के खिलाफ विरोध शुरु हुआ। करीब 18 लोग तब मारे गए। श्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी भी इस आंदोलन में बलिदान हो गए। अनुच्छेद 370 के प्रावधान जम्मू-कश्मीर में लगाते हुए जवाहर लाल नेहरु जी ने माना था कि हमारे दो झंडे होंगे, दो प्रधान होंगे। इस तरह देश के विभाजन का प्रयास किया गया। 35ए ने देश में अलगाववाद के बीज बोने का काम किया।’
उन्होंने आगे कहा, ‘अनुच्छेद 370 के कारण सूचना का अधिकार, बच्चों को यौन अपराधों से संरक्षण देने वाला कानून, पंचायती राज समेत 104 कानून जो देश की संसद से पारित हुए थे, वो जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते थे। दूसरे राज्यों से जम्मू कश्मीर में बसने वाले सफाई कमर्चारियों को वहां की सरकार में दूसरी किसी नौकरी का हक नहीं था। दूसरे राज्यों में विवाह करने वाली महिलाओं को पुश्तैनी जायदाद के अधिकार नहीं थे। ऐसे में 370 को हटाना बहुत जरूरी हो गया था।’