एक सितंबर से नया मोटर व्हीक्ल एक्ट-2019 (New Motor vehicle Act-2019) लागू होने के बाद से लगातार ट्रकों के हो रहे चालान की वजह से ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन (all India motor Transporters association) ने बृहस्पतिवार को हड़ताल की घोषणा की है। इससे दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में बृहस्पतिवार सुबह से ही सार्वजनिक वाहनों के पहिए थम गए हैं। इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
दिल्ली और उससे सटे नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद में इस हड़ताल का असर ज्यादा दिख रहा है। नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम में लोगों को दफ्तर पहुंचने में दिक्कत पेश आ रही है। इसके साथ दिल्ली-एनसीआर में सड़क पर उतरे ऑटो को भी जबरन रुकवाने की तस्वीरें सामने आ रही हैं। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कैब्स को रुकवाया गया।
- नेशनल हाईवे 9 पर ऑटो-टैक्सी नहीं मिलने के चलते लोग पैदल अपने-अपने कार्यस्थलों पर जाने के लिए मजबूर हैं।
- नोएडा व ग्रेटर नोएडा में ऑटो कम चल रहे हैं, जो चल रहे हैं उन्हें भी रोका जा रहा है।
- सड़कों पर ट्रैफिक काफी कम है, खासकर नोएडा, गाजियाबाद की सड़कों पर छुट्टी जैसा नजारा दिखा।
- हड़ताल समर्थकों द्वारा जबरन कमर्शियल वाहनों, खासकर ओला-ऊबर को रुकवाया जा रहा है।
- नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के बाहर लोग परेशान, टैक्सी/ऑटो चालकों का सवारी ले जाने से इनकार।
- दिल्ली एनसीआर में गुरुवार सुबह हड़ताल का असर ओला-ऊबर के रेट पर भी दिखा। ऐप बेस्ड इन टैक्सियों की डिमांड बढ़ने पर अचानक इसके रेट दोगुने कर दिए गए।
- नोएडा के सेक्टर 61 पर दिखा, जहां हड़ताल समर्थकों ने पीली नंबर प्लेट वाली कमर्शियल कारों को रोकना शुरू कर दिया। ओला और ऊबर कैब को एक-एक कर सड़क किनारे खड़ा करवा दिया गया।
- नोएडा सेक्टर- 63 में ऑटो में तोड़फोड़ की गई।
- दिल्ली के आनंद विहार बस अड्डे पर तिपहिया वाहनों में तोड़फोड़।
- हड़ताल के चलते दिल्ली-एनसीआर के ज्यादातर स्कूल बंद
वहीं, हड़ताल के मद्देनजर नोएडा के अधिकतर स्कूलों में छुट्टी गई है। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों में छुट्टी नहीं है, वहां पेरेंट्स से बच्चों को लाने-ले जाने को कहा गया है।
इससे इन कैब्स से ऑफिस और अन्य जगहों के लिए निकले लोग सड़क पर लिफ्ट मांगते नजर आए। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के बाहर भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला। टैक्सी और ऑटो ड्राइवर सवारियों को नहीं ले रहे हैं। अगर कोई ड्राइवर किसी यात्री को ले जाने के लिए तैयार भी हो रहा है तो हड़ताली ड्राइवर उन्हें जबरन रोक रहे हैं। हंगामे की वजह से मुसाफिरों को परेशानी हो रही है।
नए मोटर वाहन कानून से बढ़े कई गुना जुर्माने के साथ ही बढ़ी बीमा की राशि व आरएफआइडी टैग की अनिवार्यता समेत अन्य मुद्दों को लेकर ट्रक, टेंपों, बस, आटो, कैब, टैक्सी समेत अन्य सार्वजनिक व व्यावसायिक वाहन संगठनों ने बृहस्पतिवार को एक दिवसीय हड़ताल जारी है। इसमें 25 हजार ट्रक, 35 हजार ऑटो, 50 हजार के करीब टैक्सी व कैब के साथ स्कूल बसें और स्कूल कैब भी शामिल हैं।
इससे लोगों को कहीं आने जाने के साथ बच्चों को स्कूल पहुंचाने में भी परेशानी आ रही है। मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर के सार्वजनिक व व्यावसायिक वाहन से जुड़े 51 संगठनों ने हड़ताल में शामिल हैं। यूनाइटेड फ्रंट ऑफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के महासचिव श्याम लाल गोला ने बताया कि हड़ताल में दिल्ली के साथ ही एनसीआर के वाहन भी शामिल होंगे। यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहेगा। अगर सरकार तब भी उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो दो दिन बाद बैठककर इसे राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने का फैसला हो सकता है।
इसके बाबत ट्रांसपोर्टर बुधवार रात से 24 घंटे की सांकेतिक हड़ताल करेंगे। वहीं, हालात के मद्देनजर दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों में छुट्टी का एलान किया गया है। दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद में स्थित फादर एग्नेल स्कूल में बंद के कारण स्कूलों की छुट्टी का एलान किया है। इसके लिए माता-पिता को मैसेज करने के साथ स्कूल के नोटिस बोर्ड पर भी इस तरह की सूचना दी गई है। नोएडा में भी कुछ स्कूलों ने बृहस्पतिवार को छुट्टी कर दी है।
माना जा रहा है कि ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल और चक्का जाम के चलते दिल्ली के साथ नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम फरीदाबाद शहर में आम जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
इससे पहले सोमवार (16 सितंबर) को संशोधित मोटर वाहन अधिनियम -2019 के खिलाफ ट्रांसपोर्टरों ने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Union transport minister Nitin Gadkari) को ज्ञापन सौंपने के लिए कूच किया था। जानकारी के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर से 40 से भी ज्यादा ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन इस मौके पर जुटे थे।मांगने नहीं माने जाने पर दिल्ली-एनसीआर के 34 संगठनों ने 19 सितंबर को चक्का जाम की धमकी दी थी।
पिछले दिनों चैम्सफोर्ड क्लब में यूनाइटेड फ्रंट ऑफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (यूएफटीए) के पदाधिकारियों ने पत्रकार वार्ता की थी। इसके पहले पदाधिकारियों ने संबंधित मंत्रालय को मांग पत्र भी सौंपा था, जिसमें नए मोटर वाहन अधिनियम में जुर्माने की राशि को कम करने समेत चार मांगे हैं, जिसमें चालान का अधिकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार एसीपी और एसडीएम स्तर के ही अधिकारी को देने, चालान में पारदर्शिता व आधुनिकीकरण को अपनाने, दुर्घटना बीमा में तृतीय पक्ष दायित्व को और स्पष्ट करना भी शामिल है।
एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि वह सड़क दुर्घटना रोकने के लिए की जा रही सख्ती के विरोध में नहीं हैं, लेकिन जुर्माने की राशि अधिक है। वहीं, यह पूरी तरह से एकपक्षीय है। वाहन मालिकों का भी पक्ष रखा जाना चाहिए था।
इस बारे में यूएफटीए के संयोजक व ट्रांसपोर्टर राजेंद्र कपूर ने कहा कि भारी-भरकम जुर्माने से ट्रांसपोर्टरों का बुरा हाल है। पहले से ही ट्रांसपोर्ट उद्योग मंदी की चपेट में है। अब उनका आर्थिक के साथ मानसिक शोषण बढ़ गया है। अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो चक्काजाम निश्चित है। इसमें सभी छोटे-बड़े वाहन शामिल होंगे।
वहीं, महासचिव श्याम लाल गोला ने कहा था कि वे लोग सड़क दुर्घटना रोकने के सवाल पर मंत्रलय के साथ हैं। पर इतने अधिक जुर्माने से गरीब लोगों का तो दिवाला ही निकल जाएगा। इसलिए इसको कम करने की आवश्यकता है। ट्रांसपोर्टरों से वर्ष 2004 से लेकर अब तक दिल्ली नगर निगम ने 1100 करोड़ रुपये वसूल चुके हैं, लेकिन एक इंच भी पार्किग मुहैया नहीं कराई गई है। एसोसिएशन के उपाध्यक्ष राजेंद्र सोनी ने कहा कि हड़ताल में फरीदाबाद, गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद समेत अन्य शहरों की गाड़ियां भी शामिल होंगी।
फेल हुई हड़ताल
इस बीच नए मोटर वाहन अधिनियम को लेकर ही दिल्ली के कुछ ऑटो, टैक्सी संगठनों ने सोमवार को हड़ताल की घोषणा की थी, जिसका कोई खास असर नहीं दिखा। ऑटो, टैक्सी समेत अन्य वाहन आम दिनों की तरह चलते रहे। हालांकि, हल्के वाहनों की संघर्ष समिति के प्रवक्ता संजय बाटला ने कहा कि आधे दिन के लिए ही हड़ताल की घोषणा की थी। इसका असर लक्ष्मी नगर, खजूरी, द्वारका समेत अन्य इलाकों में दिखा।
यह है नया मोटर व्हीकल एक्ट-2019
- बिना ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाने पर 5000 रुपये का चालान ट्रैफिक पुलिस काटेगी, पूर्व में यह महज 500 रुपये था।
- अगर कोई नाबालिग वाहन चलाता है तो अब 500 रुपये की जगह 1000 रुपये का चालान कटेगा। इसके साथ ही वाहन से किसी भी ट्रैफिक नियम को तोड़ने पर वाहन मालिक के खिलाफ केस चलाने का प्रावधान है।
- नए नियमों के मुताबिक, शराब पीकर गाड़ी चलाने पर 6 महीने तक की कैद या 10000 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। अगर दूसरी बार ऐसा किया तो 2 साल तक की कैद या 15000 रुपये का जुर्माना किया जा सकता है।
- अगर गाड़ी तेज चलाई तो ओवरस्पीडिंग पर 1000 रुपये से 2000 रुपये तक का चालान काटा जाएगा। एलएमवी के लिए जुर्माना 400 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये और मीडियम पैसेंजर व्हीकल के लिए 2 000 रुपये किया गया है।
- बिना सीट बेल्ट गाड़ी चलाने पर 100 रुपये की जगह 1000 रुपये का चालान कटेगा।
- मोबाइल पर बात करते हुए ड्राइविंग करने पर 1000 रुपये की जगह 5000 रुपये तक फाइन लगेगा।
- सड़क नियमों को तोड़ने पर 100 रुपये की जगह 500 रुपये का चालान कर दिया गया है।
- दुपहिया वाहन पर ओवरलोडिंग करने पर 100 रुपये की जगह 2000 का चालान और 3 साल के लिए लाइसेंस निलंबित करने का प्रावधान है।
- बिना इंश्योरेंस के ड्राइविंग पर 1000 की जगह 2000 रुपये का चालान कटेगा।
- इमरजेंसी व्हीकल को रास्ता न देने पर एक हजार रुपये का चालान कटेगा और ओवरसाइज्ड व्हीकल पर 5 हजार रुपये का चालान कटेगा।