लखनऊ : योगी सरकार के मंत्री रविवार सुबह राजधानी लखनऊ स्थित इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफि मैनेजमेंट (आईआईएम) पहुंचे। जहां सभी मंत्री मंत्रालय में सुशासन और प्रबंधन के गुर सीखा। पूरे दिन चलने वाले सत्र में मंत्रियों को वैश्विक, राष्ट्रीय और राज्य के तुलनात्मक आर्थिक परिदृश्य के विषय में बताया गया। इस संबंध में कई मंत्रियों ने बताया कि इस विषय में तो बहुत कुछ जानते हैं, लेकिन यहां से कुछ सीखना भी भविष्य में बहुत काम आ सकता है। इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण सत्र का आयोजन खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर हो रहा है। सुबह ही अपनी गाड़ी अथवा बसों से पहुंचे मंत्रियों की क्लास शुरू हो गई है। आईआईएम के विशेषज्ञ क्रमवार इन्हें आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक नीतियों का समायोजन कर प्रबंध तंत्र के बारे में बताएंगे। साथ ही जोखिम का आंकलन और निर्णय लेने की क्षमता के बारे में भी बताया जा रहा है। इस क्लास में नेतृत्व करने की क्षमता विकास करने और उसे नैतिकता के साथ जोड़ने का मंत्र के साथ ही सामाजिक बदलाव व उसके साथ सामन्जस्य बैठाने का गुर भी सिखाया जा रहा है। यह पहला मौका है जब सरकार के मंत्री आईआईएम में सुशासन और कुशल नेतृत्व की दीक्षा ले रहे हैं।
प्रशिक्षण के पहले दिन मुख्यमंत्री योगी खुद अपनी टीम को लेकर आईआईएम पहुंचे। सभी को रविवार सुबह सात बजे ही मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर पहुंचने के लिए कहा गया था। यहां से सारे मंत्री एक बस में बैठककर आईआईएम परिसर के लिए रवाना हुए। ट्रेनिंग सुबह साढ़े नौ बजे से शाम छह बजे तक होगी, जिसमें चाय का संक्षिप्त सत्र व भोजनावकाश भी होगा। सत्र की शुरुआत में उन्हें प्राथमिकताएं तय करने के बारे में जानकारी दी गयी। इसमें आईआईएम लखनऊ की प्रो.अर्चना शुक्ला, पुष्पेंद्र प्रियदर्शी और निशांत उप्पल उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं, फिर प्रो.संजय सिंह उन्हें वैश्विक, राष्ट्रीय और राज्य के आर्थिक स्थिति के बारे में जानकारी दी। इसके बाद मंत्रियों को समूहों में बांटकर प्राथमिकताएं तय करने को लेकर संवाद और चर्चा हुई। भोजनावकाश के बाद मंत्रियों के समूह अपनी प्राथमिकताएं के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया और अन्य सहभागियों के सवालों का जवाब दिया। तत्पश्चात प्रो.सुशील कुमार की ओर से नेतृत्व क्षमता विकास पर केंद्रित सत्र होगा और आखिर में प्रो.संजय सिंह मंत्री समूहों को उनके द्वारा तय की गईं प्राथमिकताओं के नतीजों से अवगत कराया।