मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं: हनुमा विहारी

अक्सर क्रिकेटर अपने प्रदर्शन का श्रेय टीम में जगह पक्की होने को देते हैं, लेकिन हनुमा विहारी अपने हर टेस्ट को ‘आखिरी टेस्ट’ समझकर खेलते हैं, ताकि आत्ममुग्धता से बच सकें. आंध्र के इस 25 साल के बल्लेबाज ने वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 2-0 से मिली जीत में 289 रन बनाकर रोहित शर्मा की जगह अंतिम एकादश में उन्हें उतारने के टीम प्रबंधन के फैसले को सही साबित कर दिया.

विहारी ने कहा, ‘बेशक मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं, लेकिन मैं स्पष्ट सोच के साथ इस दौरे पर गया था. मैंने मैच दर मैच रणनीति बनाई और हर मैच को अपने आखिरी मैच की तरह खेला. इससे मुझे इस सोच के साथ उतरने में मदद मिली कि मेरे पास खोने के लिए कुछ नहीं है .’

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