पृर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली किडनी के साथ साथ सॉफ्ट टिशू सर्कोमा (कैंसर) से भी पीड़ित थे। यह दुर्लभ कैंसर कुल कैंसर के मामलों का एक प्रतिशत होता है। इन सॉफ्ट टिशू यानी कोमल उत्तकों में हमारी मांसपेशियां, त्वचा, लिगामेंट, वसा, रक्तवाहिका, आदि शामिल होते हैं। इनका काम हमारी शरीर के विभिन्न अंगों और संरचनाओं को घेर कर सहारा देना होता है।
ये हड्डियों व दांत के विभिन्न हिस्सों को बनाने वाले सख्त उत्तकों से अलग होते हैं। ये हमेशा पानी या द्रव्य से सराबोर रहते हैं और लचीले होते हैं।
जेटली को हुआ यह कैंसर बेहद जटिल माना जाता है। इसकी वजह है कि इसके पहले तो इसके लक्षण ही नजर नहीं आते। सॉफ्ट टिशु बेहद लचीले होते हैं, ऐसे में इनमें उपजा कैंसर ट्यूमर आकार में बड़ा होता जाता है लेकिन पीड़ित को पता भी नहीं चल पाता। शुरुआत में यह ट्यूमर दर्द रहित होता है। जब यह इतना बड़ा हो जाता है कि इसे छूकर महसूस किया जा सके, तब इसकी सामान्यत: पहचान हो पाती है।