सरकार ने सोमवार को लोकसभा में एक बिल पेश किया जिसके पारित होने के बाद कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष जालियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक ट्रस्ट का सदस्य नहीं बन पाएगा. बिल का नाम जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक संशोधन बिल है. जालियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक कानून 1951 में संशोधन के लिए यह बिल लाया गया है. कानून में जालियांवाला बाग को राष्ट्रीय स्मारक बनाने और उसके रखरखाव के लिए एक ट्रस्टी बनाने का प्रावधान किया गया था जिसमें कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष एक सदस्य के तौर पर शामिल होते थे. अब मोदी सरकार इसी प्रावधान को बदलने जा रही है. संशोधित बिल में कांग्रेस अध्यक्ष को ट्रस्टी के सदस्य के तौर पर मनोनीत किए जाने का प्रावधान हटा लिया गया है.