विराट कोहली की टीम के लिए अभी तक विश्व कप का सफर स्वप्निल रहा है। विश्व कप की चमचमाती ट्रॉफी बस ‘दो कदम’ दूर रह गई है। पहला कदम मंगलवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाला सेमीफाइनल मुकाबला है।
विश्व कप की ‘रन मशीन’ रोहित शर्मा की अगुआई में भारतीय शीर्षक्रम शानदार प्रदर्शन कर रहा है। दूसरी ओर ट्रेंट बोल्ट के नेतृत्व में न्यूजीलैंड के तेज आक्रमण की धार भी कम नहीं है। इस टूर्नामेंट में ‘प्लान बी’ के अभाव में भी विराट कोहली की टीम अपनी कमियों को ढांकने में कामयाब रही है लेकिन अब आखिरी दो तिलिस्म पर कोई भी कोताही बरतना भारी पड़ सकता है। भारत के लिए रोहित (647), राहुल (360) और विराट कोहली (442) मिलकर 1347 रन बना चुके हैं।
वहीं न्यूजीलैंड के लिए फर्ग्युसन (17 विकेट), बोल्ट (15) और मैट हेनरी (10) मिलकर 42 विकेट ले चुके हैं। जिम्मी नीशाम ने 11 और कोलिन डे ग्रैंडहोम ने पांच विकेट लिए हैं। इस विश्व कप में दोनों के बीच लीग मैच बारिश के कारण नहीं हो सका था लेकिन ओवल में हुए ट्रेंट बोल्ट की घातक गेंदबाजी के आगे भारत को हार का सामना करना पड़ा था। दोनों टीमों के बीच विश्व कप में पिछली टक्कर 2003 में हुई थी जिसमें भारत जीतने में सफल रहा था।
दूसरी ओर न्यूजीलैंड कप्तान केन विलियमसन की स्पिनरों के खिलाफ तकनीक या रॉस टेलर का जसप्रीत बुमराह को खेलने का तरीका भी देखना दिलचस्प रहेगा। यह भी देखना होगा कि महेंद्र सिंह धोनी मैच में मिशेल सेंटनर की बाएं हाथ की धीमी गेंदबाजी का कैसे सामना करते हैं क्योंकि दोनों का सामना चेन्नई सुपर किंग्स में कई बार हो चुका है। न्यूजीलैंड की टीम आखिरी तीन लीग मैच हार गई लेकिन शुरुआती मैचों के अच्छे प्रदर्शन से मिले अंकों के दम पर पाकिस्तान को पछाड़कर अंतिम चार में पहुंची।
मध्यक्रम का असल टेस्ट अभी बाकी
भारत के लिए चिंताजनक बात यह है कि शीर्षक्रम के बेहद कामयाब रहने से मध्यक्रम का ‘टेस्ट’ नहीं हो सका। ऐसे में बादलों से घिरे मैनचेस्टर के मैदान पर तेज गेंदबाज बोल्ट का पहला स्पैल घातक साबित हो सकता है। इसके अलावा हार्दिक पंड्या को छोड़कर मध्यक्रम का कोई बल्लेबाज अच्छा नहीं खेल सका है। महेंद्र सिंह धोनी ने 90 प्लस के स्ट्राइक रेट से 293 रन बनाए लेकिन अपने चिर परिचित अंदाज में नहीं दिखे।
44 साल के इतिहास का यह अनोखा संयोग
लगातार तीन लीग मैच हारकर सेमीफाइनल खेलने वाली न्यूजीलैंड पहली टीम बनने जा रही है। फिर वर्ल्ड कप के इतिहास का यह अनोखा संयोग भी है कि अंतिम लीग मैच हारकर नॉकआउट में पहुंचने वाली टीम आजतक विजेता नहीं बन सकी।
गुप्टिल-मुनरों की फॉर्म से कीवी चिंतित
न्यूजीलैंड की कमजोर कड़ी उसका शीर्षक्रम रहा है। विलियमसन (481) को छोड़कर कोई बल्लेबाज नहीं चल सका। बुमराह ने न्यूजीलैंड के खिलाफ पिछली द्विपक्षीय शृंखला नहीं खेली थी लिहाजा मार्टिन गुप्टिल (166 रन) और कोलिन मुनरो (125) के लिए उन्हें खेलना आसान नहीं होगा। विलियमसन के बाद न्यूजीलैंड के लिए सर्वाधिक रन टेलर (261) ने बनाए हैं। बल्लेबाजी में भारत से उनका कोई मुकाबला नहीं है क्योंकि आलोचना झेल रहे धोनी भी करीब 300 रन बना चुके हैं।
बुमराह-शमी की शानदार फॉर्म
बुमराह और शमी की फॉर्म को देखते हुए भारत टॉस जीतने पर गेंदबाजी चुन सकता है। न्यूजीलैंड टीम में दाहिने हाथ के कई बल्लेबाज होने के कारण भारत कलाई के दो स्पिनरों में से एक को बाहर कर सकता है। युजवेंद्र चहल के बारे में पता नहीं है कि क्या फिटनेस का कोई मसला है। रविंद्र जडेजा ने पहले मैच में अच्छा प्रदर्शन किया। भारत तीन तेज गेंदबाजों के साथ उतरता है तो केदार जाधव एक बार फिर मध्यक्रम में दिनेश कार्तिक की जगह ले सकते हैं। दूसरे सेमीफाइनल में 11 जुलाई को इंग्लैंड का सामना बर्मिंघम में आस्ट्रेलिया से होगा। भारत ने 1983 विश्व कप में सेमीफाइनल में इंग्लैंड को हराया था।
सचिन को पछाड़ सकते हैं रोहित
भारत के दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के नाम एक विश्व कप में सर्वाधिक रन का रिकॉर्ड दर्ज है। मास्टर ब्लास्टर ने 2003 में 11 मैचों में कुल 673 रन बनाए थे जिसमें 1 शतक और 6 अर्द्धशतक शामिल रहे। भारतीय ओपनर रोहित ने अब तक 8 मैच खेले हैं और वह 647 रन बनाकर सबसे आगे चल रहे हैं। इस दौरान उन्होंने रिकॉर्ड 5 शतक और 1 अर्द्धशतक लगाया है। यदि रोहित सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ 27 रन और बना लेते हैं तो सचिन के विश्व रिकॉर्ड को तोड़ देंगे।
यही नहीं हिटमैन रोहित यदि एक और शतक लगा लेते हैं तो सचिन के विश्व कप में कुल छह शतक के विश्व रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ देंगे। रोहित के इस विश्व कप के पांच शतकों सहित कुल छह शतक हैं। एक शतक उन्होंने पिछले विश्व कप में बनाया था।