लॉस एंजेल्स : अमेरिका ने लगातार दूसरी बार और रिकार्ड चौथी बार महिला विश्वकप फ़ुटबाल टूर्नामेंट जीत लिया है। नीदरलैंड के ल्योन में रविवार को खेले गाए खिताबी मुकाबले में अमेरिकी मेगन रपिनोइ के पेनल्टी किक और रोज़ लैवेल के गोल से अमेरिका नीदरलैंड के ख़िलाफ़ 2-0 से विजयी रहा। वेटरन विंगर रपिनोइ ने मैच के अंतिम क्षणों में विवादास्पद पेनल्टी के निर्णय पर गोल करने का अवसर मिला था। इस पेनल्टी के लिए विडियो सहायक रेफ़री के हस्तक्षेप की मदद लेनी पड़ी थी, जिस पर मेज़बान दर्शकों ने ख़ासा विरोध जताया। फ़्रेंच रेफ़री स्टेफ़नी फरप्पर्ट ने पेनल्टी दी थी। उसे लगा था कि नीदरलैण्ड की रक्षक महिला ने अमेरिकी स्ट्राकर को बूट मातकर रोकने की कोशिश की थी।
यूरोपीय चैंपियन टीम नीदरलैण्ड दूसरी बार फ़ाइनल में पहुंची थी। खेल के पूर्वार्ध में नीदरलैण्ड ने अमेरिकी टीम को रोके रखा। नीदरलैैंड की गोल रक्षक सारी वाँ वीनेंडाल ने चार ख़ूबसूरत बचाव किए थे। इससे पूर्व अमेरिका ने 1991, 1999 और 2015 में विश्व महिला ख़िताब जीते थे। रपिनोइ को टूर्नामेंट में छह गोल करने और तीन गोल में सहायक सिद्ध होने के लिए गोल्डन बूट ख़िताब से नवाज़ा गया। कुल 24 देशों के इस फ़ाइनल दौर के मुक़ाबले में अमेरिका ने पहले मैच में थाईलैंड को एकतरफ़ा मैच में 13-0 से हराया था। अमेरिका ने लीग में चिली, और स्वीडन को हराया था तो नॉक-आउट में उसे स्पेन, फ़्रांस और इंग्लैंड के विरुद्ध जीत हासिल हुई।