भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) ने लिक्विड म्यूचुअल फंडों के लिए नियम काफी सख्त कर दिए हैं. असल में कई कर्जधारक कंपनियों द्वारा डिफाल्ट को देखते हुए ऐसी सख्ती जरूरी थी ताकि भविष्य में निवेशकों को किसी तरह के नुकसान से बचाया जा सके. गुरुवार को अपनी बैठक के बाद सेबी ने कई सुधार की घोषणा की है. सेबी की चिंता खासकर हाउसिंग सेक्टर को कर्ज देने वाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में निवेश को लेकर है. सेबी ने कहा कि अब लिक्विड फंड अपने कुल एसेट का अधिकतम 20 फीसदी ही किसी एक सेक्टर में लगा सकेंगे. अभी तक किसी एक सेक्टर में 25 फीसदी तक निवेश करने की इजाजत थी.