मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नीति अयोग की बैठक में केंद्र सरकार से दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य मांगा है। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य जरूरी है। यमुना किनारे झील बनाने की योजना के लिए भी सहायता मांगी गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को नई दिल्ली में संपन्न हुई नीति आयोग की बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने फिर एक बार राजधानी को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग कई दशकों से उठती रही है। लेकिन, केंद्र सरकार ने इस मांग को नकार दिया। जबकि पूर्ण राज्य के बिना दिल्ली का अधिकार अधूरा है। दिल्ली की जनता पूर्ण राज्य चाहती है।
उन्होंने कहा कि इस मामले में उस फामूर्ला पर विचार किया जा सकता है। जिसमें दिल्ली को पूर्ण राज्य मिलने पर केंद्र को भी कोई असुविधा नहीं होगी। इसके अलावा सीएम ने केंद्रीय करों में उचित हिस्सेदारी नही दिए जाने पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार दिल्ली को केंद्रीय करों में 42 प्रतिशत हिस्सेदारी मिलनी चाहिए, लेकिन दिल्ली को केवल 325 करोड़ रुपये ही मिलते हैं। इस मांग को भी दिल्ली सरकार लगातार उठा रही है।
दिल्ली से केंद्र को करों से करीब एक लाख 60 हजार करोड़ का राजस्व मिलता है। मुख्यमंत्री ने राजधानी में जलापूर्ति को और बढ़ाने के लिए कहा कि केंद्र सरकार यमुना के बाढ़ क्षेत्र में पानी के प्राकृतिक रूप से भंडारण हेतु मेगा प्रोजेक्ट स्थापित करने की दिशा में दिल्ली सरकार का सहयोग करे।
उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट के लिए आइआइटी दिल्ली से जो अध्ययन कराया है। इसमें यह बात सामने आई है कि एक साल के बाढ़ के पानी को संरक्षित कर लेने पर दो साल तक दिल्ली में पानी की कमी नहीं होगी। दिल्ली सरकार ने यमुना के बाढ़ क्षेत्र में करीब पांच किलोमीटर झील बनाने की योजना बनाई है।