नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के यीडा शहर अब स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित होंगे। यहां शहरवासियों को वे तमाम जनसुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी, जिनके वे हकदार हैं। यातायात व्यवस्था को इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से जोड़ा जाएगा। पुलिसिंग व्यवस्था भी उच्चकोटि की होगी।
विकास कार्यों पर जताया असंतोष
शुक्रवार को तीनों प्राधिकरणों के विकास कार्यों की समीक्षा करने ग्रेटर नोएडा पहुंचे उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब तक हुए विकास कार्यों पर असंतोष जताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार तीनों शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में देखना चाहती है। तीनों शहरों में नागरिक सुविधाओं का टोटा है। पूर्ववर्ती सरकारों ने नागरिक सुविधाओं की अनदेखी की है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा के विकास का जो सपना देखा गया था, वह अभी अधूरा है। प्रदेश सरकार इस सपने को अब पूरा करेगी।
जल्द बनेगा जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट
जेवर में बन रहा इंटरनेशनल एयरपोर्ट इसमें सहायक साबित होगा। इसलिए एयरपोर्ट का निर्माण कार्य शीघ्र शुरू होना चाहिए। उन्होंने जमीन अधिग्रहण समेत निर्माण की सभी बाधाओं को अविलंब दूर करने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने विकास के साथ-साथ क्षेत्र के युवाओं के लिए रोजगार बढ़ाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि जिन किसानों की जमीन परियोजना में गई, उन्हें उद्योगों में रोजगार मिलना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एयरपोर्ट के आसपास का विकास उस क्षेत्र के दीर्घकालिक आवश्यकताओं को देखते हुए किया जाना चाहिए। प्रदेश सरकार एयरपोर्ट के आसपास अंतरराष्ट्रीय स्तर का शहर विकसित करना चाहती है। उन्होंने अधिकारियों की क्लास लगाते हुए कहा कि शहरी विकास कार्यक्रम में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शहर का विकास स्थानीय लोगों के विकास के साथ जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने ठोस कूड़ा निस्तारण की समस्या तत्काल दूर करने पर बल दिया। तीनों शहरों में जाम न लगे, इसके लिए इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को अपनाने के भी निर्देश दिए।
इस दौरान तीनों शहरों की सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने का फैसला किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आम जनमानस से लेकर उद्यमी, कारोबारी, किसान आदि सभी को पूर्ण सुरक्षा मिले। प्राधिकरण के अधिकारी अब सरकार के विकास के उद्देश्य को पूरा करें, अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहें। ऐसे अधिकारियों को प्राधिकरणों में तैनात नहीं रहने दिया जाएगा, जो विकास में बाधक बनेंगे। अथवा जिनके पास विकास का एजेंडा नहीं होगा।