दिल्ली मेट्रो के 30 लाख से अधिक यात्रियों के लिए खुशखबरी, घट सकता है किराया

दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (aam aadmi party) सरकार की घोषणा के बाद मेट्रो में महिलाओं के मुफ्त सफर को लेकर दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro rail Corporation) ने प्रस्ताव दिल्ली सरकार को भेज दिया है।

हर वर्ग को किराये में कुछ छूट देने पर भी हो सकता है विचार

मेट्रो के किराये में दोगुना बढ़ोत्तरी के बाद केंद्र सरकार ने बुजुर्गों व छात्रों को किराये में रियायत देने की बात कही थी। वहीं, दिल्ली सरकार ने महिलाओं को मुफ्त सफर की सुविधा देने की घोषणा की है। ऐसे में दोनों पक्षों में सहमति नहीं बनने पर तीसरे विकल्प के रूप में सभी यात्रियों को किराये में कुछ रियायत देने पर भी विचार हो सकता है। अगर ऐसा हुआ तो दिल्ली और एनसीआर के 30 लाख से अधिक यात्रियों को लाभ मिलेगा।

मेट्रो में मुफ्त यात्रा एक्ट बन सकता है बाधा

वहीं, किराया निर्धारण कमेटी से स्वीकृति के प्रस्ताव से पेचीदगी बढ़ गई है। साथ ही, डीएमआरसी ने प्रस्ताव में कहा है कि मेट्रो एक्ट में मुफ्त सफर या सब्सिडी का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में महिलाओं को मेट्रो में मुफ्त यात्रा की सुविधा में यह एक्ट बाधा बन सकता है।

मेट्रो में मुफ्त यात्रा एक्ट बन सकता है बाधा

वहीं, किराया निर्धारण कमेटी से स्वीकृति के प्रस्ताव से पेचीदगी बढ़ गई है। साथ ही, डीएमआरसी ने प्रस्ताव में कहा है कि मेट्रो एक्ट में मुफ्त सफर या सब्सिडी का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में महिलाओं को मेट्रो में मुफ्त यात्रा की सुविधा में यह एक्ट बाधा बन सकता है।

कमेटी में होते हैं तीन सदस्य

किराया निर्धारण कमेटी में तीन सदस्य होते हैं। इसमें एक सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज, केंद्रीय शहरी विकास मंत्रलय और दिल्ली सरकार का एक-एक सदस्य शामिल होता है। ऐसे में डीएमआरसी कुछ दिनों में कमेटी गठित करने के लिए प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज सकता है।

इस पर अंतिम निर्णय केंद्र सरकार ही लेगी। यही नहीं कमेटी का जल्द गठन होने के बावजूद रिपोर्ट तैयार करने में कम से कम छह माह समय लगेगा, क्योंकि कमेटी करीब तीन माह तक समीक्षा करती है। इस दौरान विशेषज्ञों व यात्रियों से भी सुझाव मांगे जाते हैं। कमेटी सिर्फ सरकारी प्रस्ताव मानने को बाध्य नहीं है, इसलिए कमेटी में इस पर सहमति बनना आसान नहीं होगा। वहीं, समीक्षा के दौरान कमेटी को वर्ष 2016 में गठित चौथी कमेटी की सिफारिशों का भी ध्यान रखना पड़ेगा, जिसने हर साल मेट्रो के किराये में 10 फीसद बढ़ोत्तरी की सिफारिश की थी।

मेट्रो फीडर बसों के लिए मांगा 200 करोड़ रुपये

डीएमआरसी ने 427 एसी इलेक्टिक मेट्रो फीडर बसें खरीदने की प्रक्रिया शुरू की ही। इसके लिए सरकार से 200 करोड़ की मांग की थी। डीएमआरसी के सूत्रों के अनुसार, यह प्रस्ताव भी दोबारा भेजा गया है।

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