भीषण गर्मी के चलते दिल्ली में जल संकट गहराने के साथ ही पानी पर सियासत भी तेज हो गई है। राजधानी दिल्ली में पेयजल संकट को लेकर प्रदेश भाजपा के नेताओं ने मंगलवार को दिल्ली जल बोर्ड के मुख्यालय के बाहर पेयजल किल्लत को लेकर प्रदर्शन किया। बाद में जल बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) निखिल कुमार को उनके दफ्तर में ही बंधक बना लिया। आधी रात तक भाजपा नेता जल बोर्ड के मुख्यालय के बाहर बैठे हुए थे। इस दौरान मौके पर पहुंची पुलिस ने 10 घंटे से भी अधिक समय से बंधक सीईओ को छुड़ाया। इसी के साथ भाजपा का धरना भी खत्म हो गया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल के नेतृत्व में मंगलवार को शाम पांच बजे प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष व जल बोर्ड के सदस्य जय प्रकाश और महामंत्री रविंद्र गुप्ता कई पार्षद और दिल्ली के विभिन्न इलाकों से काफी संख्या में लोग के साथ जल बोर्ड के मुख्यालय पहुंच गए। इसके बाद उन्होंने मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।
भाजपा नेताओं का आरोप है कि उन्हें सीईओ से मिलने नहीं दिया गया। इस वजह से सीईओ के कार्यालय के बाहर ही प्रदर्शन करने लगे। इसके बाद उन्हें सीईओ से मिलने के लिए कार्यालय में भेजा गया। तब भाजपा नेता पेयजल की समस्याओं पर सीईओ से लिखित जवाब मांगने लगे।
इसी बीच विजय गोयल ने ट्विटर पर एक वीडियों जारी किया। इसमें उन्होंने कहा कि जल बोर्ड के सीईओ कार्यालय के बाहर ताला लगाकर उन्हें व अन्य भाजपा नेताओं को बंधक बना लिया गया है। उन्हें दफ्तर से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है, इसलिए हमने दफ्तर में अंदर से भी ताला लगा दिया है।
उन्होंने कहा कि जल बोर्ड के पास कर्मचारियों की भारी भरकम फौज होने के बाद काम नहीं हो पा रहा है। पेयजल समस्या से जुड़ी लोगों की शिकायतों पर अधिकारी जवाब नहीं दे रहे हैं। विजय गोयल जल बोर्ड से उन इलाकों की सूची मांग रहे थे जहां पर दूषित पानी आ रहा है। इसके साथ ही जल बोर्ड द्वारा टैंकर के माध्यम से भी पर्याप्त पानी की सप्लाई न किए जाने और पाइप लाइन से लीकेज होने वाले स्थानों की जानकारी मांगने पर अड़े थे।