केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की अध्यक्ष अनीता करवाल ने बोर्ड के विभिन्न फैसलों की जानकारी अभिभावकों से साझा की है। इस संबंध में उन्होंने एक पत्र लिखा है, जोकि सीबीएसई की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। इसमें कहा गया है कि बोर्ड से संबद्ध स्कूलों में बच्चे के संपूर्ण विकास को ध्यान में रखकर पढ़ाई कराई जाती है। यही वजह है कि सीबीएसई के स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र राष्ट्रीय मूल्यांकन सर्वे (एनएएस) में राष्ट्रीय औसत से काफी ऊपर रहते हैं।
अनीता करवाल ने पत्र में लिखा कि नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो गया है। पिछले सत्र के दौरान बोर्ड ने हितधारकों के साथ कई बैठकें कीं और इस दौरान छात्रों के हक में कुछ निर्णय भी लिए गए। ये निर्णय इस सत्र में लागू किए जा रहे हैं। अभिभावक सबसे महत्वपूर्ण हितधारक हैं, इसलिए इन फैसलों के बारे में पहले ही आपको बताया जा रहा है, ताकि आप अपने बच्चे को उसी के हिसाब से निर्देशित कर सकें।
- पत्र में 14 निर्णयों के बारे में बताया गया है
- कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हर हफ्ते कम से कम दो पीरियड कला शिक्षा के लिए होंगे।
- कला को शिक्षा के साथ जोड़ने का भी काम किया जा रहा है।
- कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों के लिए हर दिन खेल का एक पीरियड अनिवार्य है।
- कक्षा 12 में एक भाषा और चार अन्य विषय लेना अनिवार्य है।
- बोर्ड में स्ट्रीम जैसी कोई अवधारणा नहीं है।
- बच्चा स्कूल में मौजूद कोई भी विषय चुनने के लिए स्वतंत्र है।
- जिन छात्रों ने अभी दसवीं की परीक्षा दी है, उनके लिए बोर्ड ने एक संग्रह तैयार किया है। इसके माध्यम से छात्र और अभिभावक जान सकते हैं कि उन्हें आगे किन विषयों की पढ़ाई करनी चाहिए।
- कक्षा एक से 10 तक के छात्रों के लिए हर हफ्ते कम से कम दो पीरियड कला शिक्षा के लिए होंगे