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इस रिपोर्ट के मुताबिक संसदीय क्षेत्र की पांचों विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा उम्मीदवार प्रतिद्वंद्वियों पर खासे भारी पड़े हैं। इसका कारण मोदी फैक्टर के चलते मध्यम वर्ग के मतदाताओं का अधिक संख्या में बाहर निकलना ही है। इसके अलावा भाजपा मुस्लिम क्षेत्रों में अपेक्षाकृत वोटिंग को भी अपने हक में मान रही है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा के स्थानीय संगठन ने जो समीक्षा की, उसके मुताबिक पार्टी उम्मीदवार सत्यदेव पचौरी, कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल से लगभग दो लाख वोटों से अधिक के अंतर से जीतने वाले हैं। इसके पीछे कारण स्पष्ट करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि शहर में पहले भी भाजपा समर्थक मतदाताओं की तादाद कम नहीं थी। 2014 के बाद से मोदी फैक्टर के चलते इसमें और तेजी आई, जिससे समर्थकों की तादाद में खासा इजाफा हुआ है।
इसके अलावा मध्यमवर्गीय व निम्न मध्यमवर्गीय मतदाता, जिसे भाजपा का परम्परागत वोटर माना जाता है, वह इस बार तेज धूप और गर्मी के बावजूद घरों से निकल कर मतदान करने गयी। इसके साथ यह तर्क दिया गया है कि शहर में सपा-बसपा गठबंधन का उम्मीदवार रामकुमार निषाद (सपा) भले ही मैदान में था, लेकिन दोनों दलों के कार्यकर्ताओं में तालमेल का अभाव रहा। इसके चलते बसपा का काडर मतदाता गठबंधन उम्मीदवार से नहीं जुड़ सका और इस वर्ग का मतदाता मोदी फैक्टर के चलते भाजपा से जुड़ गया। भाजपा ने महिलाओं, युवाओं और नये मतदाताओं में मतदान को लेकर नजर आये उत्साह व जोश को भी अपने हक में ही माना है।