योग मानसिक और भौतिक सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. लेकिन बहुत से लोगों के लिए यह प्राचीन भारतीय पद्धति धन कमाने का भी अच्छा जरिया साबित हो रही है. इसका कारोबार दुनिया भर में फैल रहा है.
सेहत और फिटनेस सेक्टर में योग का क्रेज निरंतर बढ़ता जा रहा है. पीएम मोदी के प्रयास से 21 जून को संयुक्त राष्ट्र संघ ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया जिसके बाद इसका प्रचार-प्रसार दुनिया भर में बढ़ा है. इसलिए योग को करियर के रूप में अपनाने वालों के लिए अवसर निरंतर बढ़ते जा रहे हैं.
खासकर जून-जुलाई के दौरान तो योग स्टूडियो से लेकर योग के तमाम केंद्रों में योग शिक्षकों की मांग काफी बढ़ जाती है.
नोएडा के योग स्टूडियो प्रणव योग के डायरेक्टर एम.एस. श्रीनाथ ने बताया, ‘योग दिवस की वजह से हर साल जून और जुलाई के दौरान हमारा कारोबार 30 से 40 फीसदी तक बढ़ जाता है. हमारे साथ फिलहाल 300 योग प्रशिक्षु जुड़े हैं. पिछले कुछ वर्षों में योग अपनाने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है. पिछले दो महीने में ही 112 स्थायी सदस्य जुड़े हैं. योग दिवस के आसपास तो हमें प्रचार-प्रसार पर भी ज्यादा कुछ खर्च नहीं पड़ना है.’
दिल्ली का मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ योग हर साल योग दिवस के आसपास लाखों रुपये के योग से जुड़े सामान और स्पोर्ट्स आइटम की खरीद करता है. इंडस्ट्री चैंबर एसोचैम की जून 2017 की एक रिपोर्ट के अनुसार देश में करीब 3 लाख योगा इंस्ट्रक्टर की कमी थी.
एक अनुमान के अनुसार, दुनिया भर में योग इंडस्ट्री करीब 80 अरब डॉलर तक पहुंच गई है. भारत में वेलनेस इंडस्ट्री करीब 85,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. अकेले अमेरिका में साल 2020 तक योग उद्योग 11.5 अरब डॉलर तक हो जाने का अनुमान है.
अमेरिका में साल 2015 में 3.7 करोड़ लोग योग से जुड़ चुके थे और साल 2020 तक यह संख्या बढ़कर 5.5 करोड़ तक पहुंच जाने का अनुमान है.