नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने दंगा और हिंसा को बढ़ावा देने के मामले में झारखंड के पूर्व मंत्री योगेंद्र साव को मिली जमानत रद्द कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि झारखंड के पूर्व मंत्री ने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है। वह कोर्ट के निर्देश के बावजूद अनधिकृत तरीके से झारखंड में पाए गए। सुप्रीम कोर्ट ने योगेंद्र और उसकी विधायक पत्नी के खिलाफ 18 केसों के ट्रायल को हजारीबाग से रांची में ट्रांसफर किया।
सुनवाई के दौरान झारखंड सरकार की ओर से वकील तपेश कुमार सिंह ने कहा था कि दोनों आरोपितों ने 15 दिसम्बर, 2017 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश में लगाई गई जमानत शर्तों का गंभीर रूप से उल्लंघन किया है। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें झारखंड के बाहर भोपाल में रहने और गवाहों से संपर्क नहीं करने का निर्देश दिया था। झारखंड सरकार ने कहा था कि दोनों झारखंड में रह रहे हैं और कोर्ट की कार्यवाही में शामिल नहीं हो रहे हैं। झारखंड सरकार ने कहा था कि साव के खिलाफ दर्ज 11 मामलों में निचली अदालत ने आरोप तय नहीं किये, क्योंकि वह सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद कोर्ट में पेश नहीं हुए।