कहा जाता है कि कप्तान क्रिकेट मैच में कई बार टीम से बड़ा हो जाता है. उसकी रची रणनीति से वह कोई भी मैच पलटने में सक्षम होता है. हैदराबाद और राजस्थान के बीच हुए आईपीएल सीजन12 के मैच में दोनों टीमों पर पहले मैच में हारने के बाद जीत का दबाव था. पहला मैच दोनों ही टीमों ने कड़े मुकाबले में गंवाया था. इस मैच में हैदाराबाद की जीत के कई हीरो निकल आए जिनमें राशिद खान, डेविड वार्नर, जॉनी बेयरस्टॉ, विजय शंकर की बेहतरीन पारियों के बाद अंत में यूसुफ पठान और राशिद खान की छोटी लेकिन तेज पारियों ने हैदराबाद की जीत को आसान कर दिया. लेकिन इस मैच में हैदराबाद की टीम का जज्बे में जो फर्क आया वह देखने लायक था. क्या इसकी वजह कप्तान केन विलियम्सन की मौजूदगी थी?
पहले मैच में कोलकाता से हारने के बाद हैदराबाद पर भी उतना ही दबाव था जितना की राजस्थान पर. टॉस हारने के बाद विलियम्सन ने गेंदबाजी का चुनाव दबाव बनाने के लिए किया और चौथे ओवर में ही उन्होंने राशिद खान को लगा दिया. विलियम्सन का दाव रंग लाया और राजस्थान के सबसे खतरनाक बल्लेबाज जोस बटलर केवल 5 रन बनाकर राशिद की गेंद पर बोल्ड हो गए.
राशिद की बढ़िया गेंदबाजी भी न रोक सकी संजू का तूफान
विलियम्सन जानते थे कि पिच बल्लेबाजों के माकूल है और रनों की बरसात हो तो हैरानी की बात न होगी. इसी लिए 9वें ओवर में जब राशिद ज्यादा दबाव बनाने में नाकाम रहे तो विलियम्सन ने पहले राशिद का हटाया. विजयशंकर को गेंद थमाने का दाव ज्यादा नहीं चला, लेकिन राशिद खान ने अपने 13वें और 15वें ओवर में ज्यादा रन नहीं बनने दिए. लेकिन तब तक सैमसन ऐसे रंग में आए कि हैदराबाद के गेंदबाजों से वाइड बॉल और फिल्डर्स से मिसफील्ड होने लगी. यह विलियमसन की रणनीति का नतीजा था कि संजू के तूफानी 52 गेंदों पर लगे शतक के बाद भी राजस्थान 200 रन का आंकड़ा न छू सका.
हैदाराबाद के बल्लेबाजों ने किया मैच आसान
विलियम्सन के लिए डेविड वार्नर ने मैच आसान तो कर दिया, लेकिन वार्नर के बाद जॉनी बेयरस्टॉ, विजय शंकर की पारियों ने हैदराबाद को मैच में राजस्थान से काफी आगे रखा. यही वजह रही जब श्रेयस गोपाल ने 16वें ओवर में लगातार दो विकेट ले लिए तो भी युसुफ पठान और राशिद खान को जीत दिलाने में मुश्किल नहीं हुई और इन दोनों ने भी तेजी से रन बनाए और एक ओवर शेष रहते हुए हैदराबाद की इस सीजन में पहली जीत सुनिश्चित की.
नहीं कप्तानी से लगाई हुंकार
इस मैच में विलियम्सन बल्ले से ज्यादा कमाल नहीं कर सके. उन्होंने केवल 10 गेंदों पर 14 रन बनाए. उनकी मौजूदगी उनके खिलाड़ियों के जज्बे में साफ दिखी. विलियम्सन ने संकेत दे दिए है कि पिछले सीजन की ही तरह वे सबकी नाक में दम करने के लिए तैयार हैं. पिछले सीजन में भी विलियम्सन ने दिग्गज टीमों से कई हारते हारते छीन लिए थे और टीम को फाइनल में पहुंचा दिया था. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि रोहित, धोनी और बाकी कप्तान इस बार विलियम्सन से किस तरह से लोहा लेते हैं.