भारतीय क्रिकेट का संचालन करने वाले प्रशासकों की समिति (सीओए) ने गुरुवार को कहा नवनियुक्त लोकपाल न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) डी के जैन बीसीसीआई के अस्थायी एथिक्स ऑफिसर की भूमिका भी निभाएंगे।
सीओए ने 28 अक्टूबर 2018 को दायर अपनी 10वीं स्थिति रिपोर्ट में उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया था कि वह हितों के टकराव के मामलों को देखने के लिए लोकपाल के अलावा एक एथिक्स ऑफिसर की भी नियुक्ति करें।
सीओए ने कहा, ‘बीसीसीआई के लोकपाल न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) डीके जैन, लोकपाल अधिकारी के रूप में अपनी सेवाओं के अलावा अस्थायी एथिक्स ऑफिसर की भूमिका का भी निर्वहन करेंगे। वह इस पद पर नए एथिक्स ऑफिसर के नियुक्त होने तक बने रहेंगे।’
तीन सदस्यीय सीओए ने 12 मार्च को न्यायमूर्ति जैन से अनुरोध किया कि वे स्थायी (एथिक्स ऑफिसर के) नियुक्ति होने तक अस्थायी तौर पर एथिक्स ऑफिसर के रूप में पदभार ग्रहण करें। न्यायमूर्ति जैन अस्थायी एथिक्स ऑफिसर के रूप में भी काम करने को तैयार हो गए और वह हितों के टकराव के सभी मामले को देखेंगे।
सीओए ने अपनी स्थिति रिपोर्ट में कहा, ‘पारदर्शिता और हितों के टकराव से बचने के उपाय सुधार प्रक्रिया के महत्वपूर्ण पहलू हैं, इसलिए जल्द से जल्द एक एथिक्स ऑफिसर की नियुक्ति की आवश्यकता है।’
न्यायमूर्ति जैन पहले से ही हार्दिक पांड्या-लोकेश राहुल का मामला देख रहे है। इन दोनों क्रिकेटरों को टेलीविजन कार्यक्रम के दौरान विवादित टिप्पणी करने के आरोप में बीसीसीआई ने प्रतिबंधित भी किया था लेकिन बाद में दोनों को खेलने की इजाजत दे दी गई थी।