नई दिल्ली : पाकिस्तान अपने दोगले चरित्र से बाज नहीं आ रहा है। पुलवामा आंतकी हमले के जिम्मेदार लोगों के बारे में पाकिस्तान को सौंपे गए दस्तावेजों को पड़ोसी देश द्वारा नकारे जाने पर भारत ने गुरुवार को कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। भारत ने कहा कि आतंकवादियों और उनके ठिकानों से इनकार करने का पाकिस्तानी रवैया नया नहीं है। विदेश मंत्रालय ने एक वक्तव्य में कहा कि 2008 के मुंबई हमले और 2016 के पठानकोट हमले के बाद भी पाकिस्तान ने यही रवैया अपनाया था। बयान में कहा गया कि वास्तव में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और उसके सरगना के बारे में पाकिस्तान के अंदर ही पर्याप्त सबूत मौजूद हैं, जिनके आधार पर पाकिस्तान सरकार कार्रवाई कर सकती है। फिर भी भारत पाकिस्तान की ओर से भेजे गए जवाब की जांच कर रहा है।
बयान में कहा गया है कि यह सर्वविदित सत्य है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और उसके नेता पाकिस्तान की धरती से भारत पर हमले कर रहे हैं। मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान को 2004 में किए गए अपने वादे को पूरा करना चाहिए जिसे वर्तमान सरकार भी दोहराती रही है। पाकिस्तान कहता आ रहा है कि वह भारत के खिलाफ आतंक फैलाने के लिए अपनी धरती का इस्तेमाल नहीं होने देगा। ऐसे में पाकिस्तान को आतंकी और आतंकी संगठनों के खिलाफ उसके नियंत्रण वाले क्षेत्र में त्वरित, उत्तरदायी, जिम्मेदार और ठोस कार्रवाई करनी चाहिए।