नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस पीसी घोष देश के पहले लोकपाल होंगे। इस बारे में औपचारिक घोषणा 18 मार्च को होने की संभावना है । जस्टिस पीसी घोष राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य हैं।लोकपाल चयन समिति की बैठक 16 मार्च को हुई थी, जिसमें जस्टिस घोष के नाम को अंतिम रूप दिया गया। जस्टिस घोष मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुए थे। जस्टिस घोष का जन्म 28 मई, 1952 को हुआ था। उनके पिता जस्टिस सुभाषचन्द्र घोष कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं। जस्टिस घोष ने सिविल, कमर्शियल, आर्बिट्रेशन और संवैधानिक मामलों में प्रैक्टिस की थी।
जस्टिस पीसी घोष को 17 जुलाई, 1997 में कलकत्ता हाईकोर्ट का स्थाई जज नियुक्त किया गया था। वे आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस भी रहे थे। 8 मार्च, 2013 को जस्टिस घोष को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के जज रहते हुए जस्टिस घोष ने जयललिता के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले पर फैसला सुनाया था। इसके अलावा जिन महत्वपूर्ण मामलों में उन्होंने फैसला सुनाया, उनमें राजीव गांधी हत्याकांड, जलीकट्टू, लालकृष्ण आडवाणी के खिलाफ बाबरी मस्जिद विध्वंस का मामला और सरकारी विज्ञापनों का मामला प्रमुख हैं। पिछले 7 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने लोकपाल की नियुक्ति के मामले पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वो 10 दिन में ये बताए कि लोकपाल सेलेक्शन कमेटी की बैठक कब होगी।