ऋषभ पंत खतरनाक दिख रहे एश्टन एगर को उस समय स्टंप करने से चूक गए, जब वह महज 38 रन बनाकर खेल रहे थे। दरअसल, पारी का 44वां ओवर फेंक रहे युजवेंद्र चहल की पहली गेंद पर एश्टन टर्नर क्रीज से बाहर निकल आए थे, लेकिन स्टंप के पीछे पंत उस गेंद को गैदर नहीं कर पाए और स्टंपिंग का शानदार मौका गंवाया। यह गेंद वाइड रही।
टीम इंडिया के महान विकेटकीपर-बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी की कमी भी मैदान पर साफ नजर आई। पंत की विकेटकीपिंग में धोनी जैसी फुर्ती और चालाकी न होने की वजह से भी भारत को काफी नुकसान उठाना पड़ा। कप्तान धोनी विकेट के पीछ से खड़े रहकर गेंदबाजों को सही दिशा-निर्देश देते हैं।
टीम इंडिया की असफलता का एक कारण हैंड्सकॉम्ब और ख्वाजा के बीच हुई पार्टनरशिप को न तोड़ पाना भी है। कप्तान विराट कोहली दोनों के बीच हुई पार्टनरनिशप के दौरान काफी आश्वस्त नजर आए। अगर यह साझेदारी ज्यादा नहीं पनपती तो भारत की ऐसी स्थिति नहीं होती।
ऑस्ट्रेलियाई पारी के 44वें ओवर में एश्टन टर्नर कुल 41 रन के स्कोर पर युजवेंद्र की फिरकी में फंस गए। ऋषभ ने स्टंप भी किया और साथ ही तेज अपील भी कर डाली। सभी हैरान थे कि आखिर पंत ने अपील क्यों की। फिर पंत ने कोहली की ओर इशारा किया कि वो स्टंपिंग नहीं बल्कि कैच की बात कर रहे हैं। इस पर विराट ने डीआरएस ले लिया। स्निकोमीटर में भी साफ नजर आ रहा था कि गेंद के धागे बल्ले के निचले हुस्से को छू रहे हैं। इसके बावजूद थर्ड अंपायर ने टर्नर को आउट करार नहीं दिया।
शाम को मैदान पर ओस ज्यादा होने की वजह से न सिर्फ गेंदबाजों को बॉल पर पकड़ बनाने में दिक्कत आ रही थी। बल्कि फील्डर्स के हाथों से भी गेंद कई बार फिसली। इस दौरान भारत ने न सिर्फ कई अहम मौके गंवाए, बल्कि आउटफील्ड तेज होने की वजह से हल्के शॉट भी तेज से बाउंड्री लाइन की तरफ भागने लगी।