ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे वनडे में शतकीय पारी खेलने वाले भारतीय कप्तान विराट कोहली ने मैच के बाद बताया कि वह 46वें ओवर में विजय शंकर को गेंद सौंपना चाहते थे लेकिन पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी और उपकप्तान रोहित शर्मा ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया. मैन ऑफ द मैच कोहली ने 120 गेंद में 116 रन की पारी खेली जबकि जसप्रीत और शंकर ने डेथ ओवरों में शानदर गेंदबाजी की जिससे भारत ने यह मैच आठ रन से जीता. शंकर ने न सिर्फ अंतिम ओवर की पहली तीन गेंदों पर दो विकेट लिए.
कोहली ने मैच के बाद कहा, “मैं ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी के दौरान 46वां ओवर शंकर को देने के बारे में सोच रहा था लेकिन धोनी और रोहित ने मुझे जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी के साथ गेंदबाजी जारी रखने की सलाह दी. उनका सोचना था कि अगर हम कुछ विकेट निकाल लेते है तो मैच में बने रहेंगे और ऐसा ही हुआ. शंकर ने स्टंप्स की सीध में गेंदबाजी की और यह काम आया. रोहित से सलाह लेना हमेशा अच्छा रहता है वह टीम का उप-कप्तान है और धोनी लंबे समय से यह काम करते आ रहे है.”
भारतीय कप्तान ने आखिरी के ओवरों में शानदार गेंदबाजी के दम पर मैच में टीम की वापसी करने वाले बुमराह की तारीफ की. उन्होंने कहा, “बुमराह चैम्पियन गेंदबाज है. एक ओवर में दो विकेट लेकर उसने मैच का रूख हमारे तरफ मोड़ दिया. ऐसे मैचों से आपको काफी आत्मविश्वास मिलता है. विश्वकप में भी हमें ऐसे कम स्कोर वाले मैच मिल सकते है. यह पिच केदार जाधव की गेंदबाजी के लिए सटीक थी. वह आखिरी ओवर में भी गेंदबाजी करना चाहता है.”
वनडे में 40वां शतक लगाने वाले कोहली ने कहा, “यह सिर्फ संख्या है. लेकिन जब आप मैच जीतते है तो अच्छा लगता है. जब मैं बल्लेबाजी के लिए उतरा तो हालात मुश्किल थे. मेरे पास पूरी पारी में बल्लेबाजी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. मुझे टीम की गेंदबाजी से ज्यादा खुशी मिली है.”
ऑस्ट्रेलिया के कप्तान आरोन फिंच ने मार्कस स्टोइनिस कि तारीफ करते हुए कहा कि यह ऐसा मैच था जिसे टीम आखिर तक ले जाना चाहती थी. उन्होंने कहा, “यह ऐसा मैच था जिसे हम आखिर तक ले जाना चाहते थे और उम्मीद कर रहे थे कि जीत दर्ज करे. मार्कस स्टोइनिस ने शानदार पारी खेली. मैच में पूरे दिन उतार-चढ़ाव होता रहा. मैच का लय एक समय हमारे पक्ष में था लेकिन हमने इसे खो दिया.”
फिंच ने टीम को मैच में बनाए रखने का श्रेय स्टोइनिस को देते हुए कहा, “अगर वह पहले ही बड़े शॉट लगाने के चक्कर में आउट हो जाते तो हम लक्ष्य के इतने करीब नहीं पहुंचते. हमारे खिलाड़ियों को अच्छी शुरुआत मिली लेकिन हम उसे बड़ी पारी में नहीं बदल सके जैसा उन्होंने (कोहली) ने किया. विराट (कोहली) की पारी ने दोनों टीम के बीच अंतर पैदा किया. अगर हमारे शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों ने 80-100 की पारी खेली होती तो हम जीत सकते थे.”