जम्मू-कश्मीर के पुलवामा अटैक (Pulwama Terror Attack) के बाद भारत के क्रिकेट खिलाड़ी यह मांग कर रहे हैं कि विश्व कप (World Cup 2019) में पाकिस्तान के साथ मैच नहीं खेलना चाहिए. इसी बीच पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने अपने प्रधानमंत्री इमरान खान के उस बयान के समर्थन में उतर आए हैं जिसमें उन्होंने हमले में पाकिस्तान की भूमिका होने से इनकार किया था.
पाकिस्तान की क्रिकेट टीम के कप्तान रहे शाहिद अफरीदी ने अपने ट्विटर अकाउंट से पीएम इमरान खान के एक वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, ”यह एकदम ठोस और स्पष्ट है.” आपको बता दें कि इस वक्त क्रिकेटर अफरीदी पाकिस्तान सुपर लीग में मुल्तान सुल्तान के लिए खेल रहे हैं.
दरअसल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्मीर में गुरुवार को हुए आतंकवादी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने के भारत के आरोपों पर राष्ट्र के नाम पैगाम में एक वीडियो संदेश के जरिए प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह यह बात समझते हैं कि भारत में इस साल चुनाव होने हैं और पाकिस्तान को दोषी ठहराकर लोगों के वोट हासिल करना आसान हो जाएगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि बेहतर समझ विकसित होगी और भारत वार्ता करने के लिए तैयार होगा.
खान ने पुलवामा हमले में पाकिस्तान की भूमिका से इनकार करते हुए कहा कि जब भी कश्मीर में कोई घटना होती है, तो भारत पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराता है और पाकिस्तान को बार-बार ‘‘बलि का बकरा’’ बनाता है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ‘‘क्षेत्र में स्थिरता’’ चाहता है और अफगानिस्तान मामले की तरह कश्मीर मामला भी वार्ता के जरिए सुलझेगा.
इमरान ने कहा, ‘‘यदि आपके पास किसी पाकिस्तानी की संलिप्तता के बारे में ऐसी कोई खुफिया जानकारी है जिसके आधार पर कार्रवाई की जा सकती है, तो वह जानकारी हमें दीजिए. मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि हम कार्रवाई करेंगे. हम ऐसा दबाव की वजह से नहीं, बल्कि इसलिए करेंगे क्योंकि वे पाकिस्तान के दुश्मनों की तरह काम कर रहे हैं.’’
पाकिस्तान के पीएम ने कहा, ‘‘मैं भारतीय मीडिया के माध्यम से सुन और देख रहा हूं कि नेता पाकिस्तान से बदला लेने की अपील कर रहे हैं. यदि भारत सोचता है कि वह पाकिस्तान पर हमला करेगा, तो हम केवल सोचेंगे नहीं, बल्कि जवाब देंगे.’’
खान ने कहा, ‘‘जंग शुरू करना हमारे हाथ में है, यह आसान है लेकिन इसे समाप्त करना हमारे हाथ में नहीं है और कोई नहीं जानता कि क्या होगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यहां से किसी व्यक्ति का बाहर जाकर आतंकवाद फैलाना हमारे हित में नहीं है और न ही यह हमारे हित में है कि कोई यहां आकर आतंकवादी गतिविधियां करे.’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा था कि पुलवामा आतंकी हमले ने दिखा दिया है कि बातचीत का समय अब खत्म हो गया है. उन्होंने भारत की यात्रा पर आए अर्जेंटीना के राष्ट्रपति मॉरिसियो मैक्री की मौजूदगी में नयी दिल्ली में एक प्रेस बयान में कहा कि पुलवामा में हुए बर्बर आतंकी हमले ने दिखाया है कि बातचीत का समय अब खत्म हो गया है. अब समूचे विश्व को एकजुट होकर आतंकवाद और इसके समर्थकों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने की आवश्यकता है.
मोदी ने कहा था कि आतंकवादियों और उनके अमानवीय समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई से हिचकना भी आतंकवाद को बढ़ावा देने के बराबर है. खान ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद पर भारत के साथ वार्ता के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं स्पष्ट रूप से कहता हूं कि यह नया पाकिस्तान है और एक नई मानसिकता है.’’
खान ने कहा, ‘‘आतंकवाद एक बड़ा मुद्दा है जिसका यह क्षेत्र सामना कर रहा है और हम इसका खात्मा करना चाहते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि कोई (कहीं आतंकवादी हमले करने के लिए) पाकिस्तानी सरजमीं का इस्तेमाल कर रहा है, तो वह हमारा दुश्मन है. यह हमारे हितों के खिलाफ है.’’
खान ने कहा कि उन्होंने भारत के आरोपों पर तत्काल प्रतिक्रिया इसलिए नहीं दी क्योंकि वह देश में सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान की यात्रा के चलते व्यस्त थे.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत ने बिना किसी सबूत के और यह सोचे बिना पाकिस्तान पर आरोप लगाए हैं कि इससे (हमले से) हमें कैसे लाभ होगा.’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम पिछले 15 साल से आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहे हैं. इस प्रकार की घटनाओं से पाकिस्तान को कैसे लाभ होगा?’’
खान ने कश्मीर मामले पर कहा, ‘‘कश्मीरी अब मौत से नहीं डरते. इसके पीछे कोई तो कारण होगा. क्या भारत में इस पर चर्चा नहीं होनी चाहिए? दुनिया में कौन सा कानून हर किसी को जज और जूरी बनने की इजाजत देता है?’’
उन्होंने सवाल किया कि क्या भारत ‘‘सेना के जरिए मामला सुलझाना चाहता है? इससे कभी सफलता नहीं मिली है.’’
भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से ही खराब संबंध पुलवामा हमले के बाद और खराब हो गए हैं. दोनों देशों ने ‘‘विचार विमर्श’’ के लिए अपने-अपने उच्चायुक्तों को वापस बुला लिया है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस को पत्र लिखकर दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए हस्तक्षेप करने को कहा है.
गौरतलब है कि 14 फरवरी को पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे.