परिवार की सुरक्षा और विपरीत परिस्थिति में आर्थिक मदद के लिए लाइफ इंश्योरेंस सबसे बेहतर तरीका है. जब किसी परिवार पर आफत टूट पड़ती है तब उस परिवार को इसके जरिए आर्थिक मदद मिलती है. इसमें पॉलिसी धारक की मौत होने पर नॉमिनी को इंश्योरेंस के बदले पैसे मिलते हैं. लेकिन, यहां सवाल उठता है कि क्या आपको इसे क्लेक करने की पूरी प्रक्रिया मालूम है या नहीं. अगर प्रक्रिया आपको मालूम है तो क्लेम करना आसान होता है और काम जल्दी हो जाता है. ऐसे में इस आर्टिकल के जरिए हम आपको लाइफ इंश्योरेंस से जुड़ी सभी बातों को बताएंगे. आपको बताएंगे कि आपको किन-किन पेपर की जरूरत होती हैं. सहयोगी वेबसाइट ज़ीबिज़ की टीम ने इस आर्टिकल को विस्तार से लिखा है.
लाइफ इंश्योरेंस क्लेम करने की प्रक्रिया
पॉलिसी धारक की मृत्यु हो जाने पर, आश्रितों को इंश्योरेंस कंपनी को पॉलिसी नंबर, बीमित व्यक्ति का नाम, मौत की तारीख, स्थान और कारण, इत्यादि जैसे विवरणों के साथ एक लिखित सूचना भेजनी चाहिए. इसके लिए आप अपने नजदीकी ब्रांच से सूचना फॉर्म प्राप्त कर सकते हैं या ऑफिशियल वेबसाइट से इसे डाउनलोड कर सकते हैं.
लाइफ इंश्योरेंस क्लेम से संबंधित दस्तावेज
क्लेम फॉर्म जमा करते समय, डेथ सर्टिफिकेट, बीमित व्यक्ति का आयु प्रमाण, पॉलिसी दस्तावेज, डीड्स ऑफ असाइनमेंट आदि दस्तावेज दाखिल करें. यदि एक पॉलिसी धारक की मौत, लाइफ इंश्योरेंस खरीदने के तीन साल के भीतर हो जाती है तो कुछ अतिरिक्त दस्तावेज भी पेश करने पड़ते हैं. इनमें – अस्पताल का प्रमाणपत्र यदि मृत व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती किया गया था, घटना के दौरान उपस्थित व्यक्ति से दाह-संस्कार या दफन का प्रमाणपत्र, नियोक्ता का प्रमाणपत्र यदि मृत व्यक्ति नौकरी करता था, बीमारी के विवरणों का उल्लेख करते हुए एक मेडिकल अटेंडेंट का प्रमाणपत्र शामिल है.
30 दिनों के भीतर होगा क्लेम का सेटलमेंट
IRDAI के नियमानुसार, बीमा कंपनियों को बीमे की रकमक्लेम करने के तीस दिन के भीतर जारी कर देनी चाहिए. यदि इंश्योरेंस कंपनी को अतिरिक्त छानबीन करने की जरूरत हो तो भुगतान प्रदान करने की प्रक्रिया, क्लेम प्राप्त होने के बाद 6 महीने के भीतर पूरी हो जानी चाहिए.