शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद की 21 फरवरी को राममंदिर शिलान्यास की घोषणा से अयोध्या का माहौल गर्म हो रहा है

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती 17 के बजाय अब 19 फरवरी को अयोध्या के लिए रवाना होंगे। सर्वप्रथम वह कुंभ क्षेत्र के सेक्टर 15 स्थित अपने शिविर में सभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद प्रतापगढ़ जाएंगे। प्रतापगढ़ में रात्रि प्रवास के बाद 20 फरवरी को अयोध्या जाएंगे। वहां सभा को संबोधित करने के बाद 21 फरवरी को राम मंदिर के लिए तय समय पर शिलान्यास करेंगे। स्वरूपानंद अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए 21 फरवरी को शिलान्यास करने की घोषणा कर चुके हैं। इसके तहत 17 फरवरी को प्रयाग से रामाग्रह यात्रा निकलनी थी। यात्रा को प्रतापगढ़ व सुलतानपुर में प्रवास करके 19 फरवरी को अयोध्या पहुंचना था।

स्वरूपानंद 19 को आएंगे प्रयागराज

स्वामी स्वरूपानंद का स्वास्थ्य खराब हो गया। वह बीएचयू में उपचाराधीन हैं। इसके चलते रामाग्रह यात्रा की तारीख दो दिन बढ़ा दी गई जबकि अखाड़े खुद को रामाग्रह यात्रा से अलग रखने की घोषणा पूर्व में कर चुके हैं। शंकराचार्य स्वरूपानंद के शिष्य व मनकामेश्वर मंदिर के प्रभारी श्रीधरानंद ब्रह्मचारी ने बताया कि गुरुजी का स्वास्थ्य खराब होने के चलते चिकित्सकों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है। बीएचयू से डिस्चार्ज होने पर वह काशी स्थित आश्रम में प्रवास करेंगे। वहां से 19 फरवरी की सुबह प्रयाग आकर सभा को संबोधित करने के बाद रामाग्रह यात्रा का नेतृत्व करते हुए अयोध्या के लिए प्रस्थान करेंगे।

अयोध्या का माहौल गर्म 

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद की 21 फरवरी को राममंदिर शिलान्यास की घोषणा से अयोध्या का माहौल गर्म हो रहा है। वह तय कार्यक्रम के अनुसार लाव-लश्कर लेकर उनकी यात्रा अयोध्या की तरफ मुखातिब है। उनके इस अभियान का नाम रामाग्रह यात्रा है। हालांकि स्वरूपानंद के अयोध्या कूच या रामग्रह यात्रा में उनका स्वास्थ्य आड़े आ रहा है। यात्रा स्थगित होने को लेकर भी चर्चा हो रही है। अटकलों के विपरीत स्वामी स्वरूपानंद के शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद ने दावा किया कि रामाग्रह यात्रा नियत तिथि पर अयोध्या पहुंचेगी।

स्वरूपानंद फिलहाल स्वस्थ नहीं

स्वरूपानंद के शिलान्यास के समय एक ओर लोकसभा चुनाव और दूसरी तरफ प्रयागराज कुंभ से लौटते साधुओं का जत्था उनकी यात्रा में सहायक हो सकता है। जब प्रयागराज से रामाग्रह यात्रा चलेगी तब मंदिर विवाद को लेकर अयोध्या में भी सरगर्मी बढ़ेगी। यात्रा के ठीक पहले स्वरूपानंद का बीमार होना इस बात की तस्दीक करता है कि शायद वह यात्रा में शामिल नहीं हो लेकिन फिलहाल उनके रवाना होने का समय बदला लेकिन पहुंचने का समय प्रभावित नहीं है। रामाग्रह यात्रा व्यापक प्रभाव वाली होगी फिर भी स्वामी स्वरूपानंद यदि स्वस्थ नहीं हो सके तो उनके शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद के संयोजन में यात्रा संचालित हो सकती है। 

प्रतापगढ़ में रोकी जा सकती यात्रा

सूत्रों के मुताबिक यात्रा प्रतापगढ़ में प्रवास करेगी फिर सुलतानपुर होते हुए अयोध्या पहुंचेगी। इससे पूर्व उसे प्रतापगढ़ में रोका जा सकता है। अयोध्या आने की जिद करने वालों की गिरफ्तारी भी संभव है। राममंदिर के लिए गत वर्ष ही 12 दिनों तक अनशन एवं आत्मदाह की घोषणा करने के चलते 20 दिनों तक जेल काटने वाले तपस्वीजी की छावनी के महंत परमहंसदास कहते हैं कि राममंदिर बहाना है। स्वरूपानंद की मुहिम के पीछे राजनीतिक उद्देश्य है। वह कांग्रेस को लाभ पहुंचाने एवं भाजपा को क्षति पहुंचाने के उद्देश्य से सक्रिय हैं।

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