टीम इंडिया इस समय अब तक कि सबसे मजबूत टीम कही जा रही है. इसकी खास वजह यह बताई जाती है कि क्रिकेट इतिहास में टीम इंडिया की गेंदबाजी, खास तौर पर तेज गेंदबाजी सबसे मजबूत कही जा रही है. दुनिया भर के दिग्गज मानते हैं कि टीम पहली बार है कि टीम इंडिया के नियमित तेज गेंदबाज तो शानदार हैं ही, बल्कि बैकअप तेज गेंदबाज भी बेहतरीन हैं. ऐसे में कई गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार को भी चुनौती देते दिखे लेकिन जो मुकाम भुवी ने हासिल किया वे उसे बखूबी बनाए रखने में कामयाब रहे हैं. भुवनेश्वर मंगलवार को अपना 29वां जन्मदिन मना रहे हैं.
2012 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शुरुआत करने के बाद से भुवनेश्वर ने भारतीय तेज गेंदबाजी को नया आयाम दिया है. वे शुरुआती स्पेल में शानदार आगाज करते हैं और डेथ ओवरों में रनगति पर ब्रेक लगाने में कामयाब होते हैं. हालांकि पिछले एक साल उनके करियर के लिए उतार चढ़ाव रहा लेकिन भुवी वापसी करने में पीछे नहीं रहे हैं वे इन दिनों टीम के लिए हर मैच नहीं खेलते हैं लेकिन कप्तान सहित चयनकर्ताओं का विश्वास उन्होंने कम नहीं होने दिया है. परिस्थितयों का साथ मिलने पर वे बहुत खतरनाक गेंदबाज हो जाते हैं. ऐसे में उनकी गेंद दोनों ही तरफ स्विंग होने लगती है और उसके साथ ही उनकी ‘नकल बॉल’ काफी खतरनाक हथियार भी साबित हो जाती है.
सचिन तेंदुलकर को जीरो पर आउट कर चर्चा में आए थे
2008-09 के रणजी सीजन में उत्तर प्रदेश और मुंबई के बीच हैदराबाद में फाइनल मैच में भुवनेश्वर कुमार जोरों से चर्चता में आए थे. इस मैच में युवा स्विंग बॉलर भुवनेश्वर ने सचिन तेंदुलकर को शून्य पर आउट कर दिया था. संयोग से घरेलू क्रिकेट में सचिन पहली बार शून्य पर आउट हुए थे. सचिन को आउट करने का भुवनेश्वर का सपना इसी मैच में साकार हुआ था. इस मैच में उनकी टीम जीत हासिल नहीं कर सकी थी.
वनडे में पहली गेंद पर ही लिया विकेट
वनडे क्रिकेट में भुवनेश्वर कुमार का डेब्यू भी बहुत शानदार रहा. पाकिस्तान के खिलाफ अपनी पहली ही अंतरराष्ट्रीय गेंद पर उन्होंने विकेट लिया. 9 ओवरों में केवल 27 रन देकर कुमार ने दो विकेट लिये. इनमें तीन ओवर मेडन थे. इसके बाद से कुमार ने कभी पलट कर पीछे नहीं देखा. भुवनेश्वर के नाम एक अनोखा रिकॉर्ड है. खेल के तीनों प्रारूपों में उनका पहला विकेट बोल्ड है. टी-20 इंटरनेशनल में उन्होंने पाकिस्तान के नासिर जमशेद, वनडे में मोहम्मद हफीज और टेस्ट क्रिकेट में डेविड वॉर्नर को बोल्ड किया है.
तीनों प्रारूप में पांच विकेट लेने वाले पहले भारतीय
पिछले साल के शुरू में दक्षिण अफ्रीका में संपन्न हुई तीन टेस्ट मैचों में कुमार ने दो टेस्ट में 10 विकेट लिए और 100 से अधिक रन बनाए. तीसरे टेस्ट मैच में उनके ऑल राउंड प्रदर्शन ने टीम के लिए जीत के दरवाजे खोले. इसके अलावा भुवी ने टी20 मैचों में भी शानदार प्रदर्शन किया और आखिरी टी20 मैच में टीम इंडिया को पांच विकेट लेकर जीत भी दिलाई और टेस्ट वनडे और टी20 में एक पारी में पांच विकेट लेने वाले पहले भारतीय भी बने. इसके साथ ही वे युजवेंद्र चहल के बाद टी20 इंटरनेशनल में पांच विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज बने.
लगातार 2 साल तक IPL में पर्पल कैप जीती
वनडे में उनकी इकोनॉमी 5 से भी कम है. यहां तक कि आईपीएल में उनकी इकोनॉमी 7.15 है, जिसे टी-20 में बुरा नहीं कहा जा सकता. वे आईपीएल इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में छठे नंबर हैं. उन्होंने 102 मैचों में 120 विकेट लिए हैं. वे आईपीएल 2016 और 2017 के संस्करण में पर्पल कैप जीतने वाले (आईपीएल में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले को मिलती है) खिलाड़ी हैं.
बल्लेबाजी में भी देते हैं निचले क्रम को मजबूती
हम सब जानते हैं कि भुवनेश्वर कुमार ने कई मौकों पर अपनी शानदार बल्लेबाजी से टीम को संकट से बाहर निकाला है. उनकी बल्लेबाजी लगतार बेहतर होती जा रही है. भारतीय टीम यह उम्मीद करती है कि वह आने वाले दिनों में बालिंग ऑल राउंडर के रूप में उभरें. एक ऐसा ऑल राउंडर जिसकी भारत को सालों से तलाश है. वे कई बार टीम इंडिया के लिए छोटी लेकिन उपयोगी पारियां खेल चुके हैं.