शारजाह : भारतीय टीम को अच्छी तरह पता होना चाहिए कि वह एएफसी एशियन कप नॉकआउट दौर के मुहाने पर खड़ा है और इसके लिए उसे बस सोमवार को अल शारजाह स्टेडियम में होने वाले अपने तीसरे और अंतिम ग्रुप मैच में बहरीन को बराबरी पर रोकना है। ब्ल्यू टाइगर्स नाम से मशहूर भारतीय टीम ग्रुप-ए में दो मैचों से तीन अंक लेकर दूसरे स्थान पर है। भारत को रेड्स नाम से मशहूर बहरीन की टीम से सिर्फ और सिर्फ ड्रॉ खेलना है। इसके बाद वह पहली बार इस प्रतिष्ठित एशियाई आयोजन के नॉकआउट में पहुंचने का इतिहास रच देगी। स्टीफेन कांस्टेनटाइन के लड़कों ने एशियन कप अभियान का शानदार आगाज करते हुए अपने पहले मैच में थाईलैंड को 4-1 से हराया था लेकिन यूएई के हाथों उसे 0-2 से हार मिली थी। यूएई के खिलाफ भारत का प्रदर्शन शानदार रहा। भारतीय टीम कई मौकों पर गोल करने के करीब पहुंची लेकिन किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया। भारत के इस प्रदर्शन को न सिर्फ भारतीय प्रशंसको ने सराहा था बल्कि विपक्षी टीम ने भी सराहा था।
दूसरी ओर, बहरीन की टीम को दो मैचों में एक भी जीत नहीं मिल सकी है। उसने हालांकि अपने पहले मैच में मेजबान यूएई के 1-1 से बराबरी पर रोका था लेकिन दूसरे मैच में उसे थाई लैंड के हाथों 1-0 से हार मिली थी। यह टीम अभी ग्रुप-ए में एक अंक के साथ चौथे स्थान पर है। बहरीन को अगर आगे का सफर तय करना है तो उसे हर हाल में यह मै जीतना होगा। मिरोस्लाव सुकुप की टीम इसी लक्ष्य के साथ भारत को कड़ी टक्कर देती दिखेगी। बहरीन के खिलाड़ी शारीरिक रूप से मजबूत और फिट हैं ओर ऐसे में भारत को उन्हें रोकने में दिक्कत आ सकती है। भारत को बहरीन के खिलाफ जीत हासिल करने के लिए अपने फारवर्ड लाइन की तेजी का उपयोग करना होगा। इसमें आशिक कुरूनियन और उदांता सिंह की भूमिका अहम होगी। बहरीन की डिफेंस को छकाने में इन दोनो की अहम भूमिका होगी। सुनील छेत्री की कप्तानी में भारतीय टीम को अपने सामने आने वाले हर एक मौके को भुनाना होगा, तभी वह इतिहास रच पाएगी।