तीन राज्यों (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान) में हाल ही में चुनाव जीतकर वहां सरकार बनाने वाली कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं, लेकिन हरियाणा में स्थिति उलटी नजर आ रही है। यहां पर गुटबाजी में उलझी कांग्रेस को नसीहत देने का काम केवल कांग्रेस विरोधी दल ही नहीं कर रहे हैं, बल्कि खुद कांग्रेसी ही अपनी पार्टी को नसीहत दे रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने बृहस्पतिवार को जारी बयान में गुटबाजी से खिन्न होकर खुद यहां तक कह दिया कि हरियाणा हमसे खिसक रहा है। विद्रोही ने कहा कि प्रदेश में सभी राजनीतिक दल लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं, जबकि हरियाणा में कांग्रेसी आपसी गुटबाजी व वर्चस्व की लडाई में उलझे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में 2019 लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के लिए अच्छी स्थिति है, परंतु संगठन में समय पर निर्णय न करने से कांग्रेस के हाथों से बाजी निकलती जा रही है। ग्रामीण भारत के अध्यक्ष विद्रोही ने कहा कि लोकसभा की तैयारी के लिए मात्र दो-ढाई माह का ही समय बचा है, लेकिन हरियाणा में कांग्रेस संगठन पर भारी असमंजस बना हुआ है।
सवाल उठता है कि जब संगठन के प्रति असमंजस की स्थिति है तो हरियाणा में कांग्रेस कैसे लोकसभा चुनाव की तैयारी इतने कम समय में करने में सक्षम होगी। प्रदेश के कांग्रेसी नेता एक साथ चलना तो दूर, साथ बैठकर बात भी करने को तैयार नही। यही स्थिति कार्यकर्ताओं की है।
वह यहीं पर नहीं रुके विद्रोही ने सवाल किया कि यदि पार्टी नेतृत्व नेताओं को एक साथ बैठाकर मिलकर काम करने को कह भी देगा तो क्या मात्र दो-ढाई माह के समय में निचले स्तर के कार्यकर्ता मिलकर चल पाएंगे।
विद्रोही ने कहा कि उनकी तो दो टूक राय है कि यदि कांग्रेस नेतृत्व ने एक सप्ताह के अंदर-अंदर संगठन में व्याप्त असमंजस की स्थिति को खत्म नही किया और प्रदेश के नेताओं की गुटबाजी पर कड़ाई से अंकुश नही लगाया तो हरियाणा में कांग्रेस तीन से ज्यादा लोकसभा सीटें नहीं जीत सकेगी