तुर्की के हसनकैफ में तुर्की के चौथे सबसे बड़े और शक्तिशाली बांध इलीसु का निर्माण कार्य चल रहा है. ऐसे में एक 610 साल पुरानी मस्जिद यहां बांध के रास्ते में आ रही थी, जिसके बाद मस्जिद को तीन भागों में बांट कर रोबोट ट्रांसपोर्ट के जरिए 2 किलोमीटर दूर स्थापित किया गया है. इसके लिए प्रशासन ने पहले श्रमिकों की मदद से सालों से सुरक्षित रखी गई इस धरोहर की दीवारों को तुड़वाया. फिर इसके निचले हिस्से को जमीन से अलग करवाया गया, जिसके बाद इसे रोबोट ट्रांसपोर्ट के जरिए दूसरी जगह शिफ्ट करा दिया गया.
हुर्रियत डेली न्यूज की खबर के मुताबिक, तुर्की की इयुबी मस्जिद हसनकैफ में मौजूद थी. जहां तुर्की के चौथे सबसे बड़े बांध का काम चल रहा है. ऐसे में विशेषज्ञों ने इसे डूब क्षेत्र में करार दिया था. जिसके बाद मस्जिद को पानी से बचाने के लिए इसे दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया. बता दें इयुबी मस्जिद का कुल वजन 2500 टन था. वजन ज्यादा होने के कारण इसे पहले तीन भागों में बांटा गया और फिर न्यू कल्चर पार्क फील्ड में शिफ्ट किया गया.
वहीं हसनकैफ शहर के मेयर अब्दुलवहाप कुसैन ने बताया कि ‘बांध के पानी से ऐतिहासिक इमारत खराब न हो इसके लिए इसे दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया.’ बता दें हसनकैफ को तुर्की के संरक्षित शहर का दर्जा प्राप्त है, क्योंकि यहां छह हजार गुफाएं और बाइजेंटाइन युग का एक किला मौजूद है. वहीं इयुबी मस्जिद के स्थापित होने के बाद इसका महत्व और भी बढ़ जाता है. वहीं इतिहासकारों ने इसे नौ सभ्यताओं का साक्षी बताया है. बता दें हसनकैफ शहर का उल्लेख 2 हजार साल पुराने लेखों में भी मिलता है.