अमेरिका सीरिया से अपने सैनिकों को वापस बुला लेगा. एक अमेरिकी अधिकारी ने यह बात कही. इस कदम के असाधारण भू-राजनीतिक परिणाम होंगे तथा अमेरिका के समर्थन से इस्लामिक स्टेट के जिहादियों से लोहा ले रहे कुर्दिश लड़ाकों की तकदीर अधर में लटक गई है.
इससे पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट किया, ‘‘हमने सीरिया में आईएसआईएस को हरा दिया है. ट्रंप के प्रशासनकाल के दौरान वहां रहने की मेरी एकमात्र वजह है.’’
अमेरिका के अधिकारी ने कहा कि (सैनिकों की वापसी का) फैसला मंगलवार को किया गया. जब उनसे पूछा गया कि पूरे सीरिया से सैनिक वापस बुला लिए जायेंगे तो उन्होंने कहा, ‘‘पूर्ण वापसी, सभी मतलब सभी.’’ वैसे अधिकारी ने कोई समय सीमा नहीं बताई.
उन्होंने कहा, ‘‘हम सुनिश्चित करेंगे कि बल की सुरक्षा बरकरार रहे लेकिन यथाशीघ्र.’’
फिलहाल सीरिया में करीब 2000 अमेरिकी सैन्यबल हैं. उनमें से ज्यादा सैनिक उन स्थानीय बलों के प्रशिक्षण मिशन में लगे हैं जो आईएस से दो-दो हाथ कर रहे हैं.
सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज नामक मुख्य संघर्ष बल की एक बड़ी टुकड़ी कुर्दिश की है, जिसे तुर्की आतंकवादी समूह के रूप में देखता है.