सिंगापुर में नई गाड़ी खरीदने के लिए भी बोली लगानी पड़ती है

भारत में जब भी प्रदूषण को कम करने की बात आती तो सबसे पहले सड़क से गाड़ियों को हटाने की बात की जाती है . इसमें कोई शक नहीं है कि गाड़ियों से निकलने वाला धुआं… प्रदूषण फैलाने का एक बड़ा कारण है लेकिन इस बात को भी नहीं भूलना चाहिए कि सड़कों से वाहन हटाने के बाद हमारे सिस्टम के पास दूसरा कोई अच्छा विकल्प नहीं है . हमारे पास ऐसा पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम नहीं है कि लोग अपनी गाड़ियां छोड़कर तुरंत पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल शुरू कर दे. भारत में पहले से ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट में बहुत भीड़ है . यहां बस, ट्रेन और मेट्रो में जगह मिलना सौभाग्य की बात हैं . ऐसे में सड़कों से वाहन हटाना बहुत मुश्किल काम है . इसका दूसरा पहलू ये भी है कि हमारे देश में वाहन खरीदने को लेकर सख्त नियम नहीं हैं . जिसके पास पैसा है वो जब चाहे, जितने चाहे वाहन खरीद सकता है . उसे पार्किंग की भी चिंता नहीं है क्योंकि वो अपने घर के बाहर की सड़क को मुफ़्त की पार्किंग समझता है . 

आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में हर रोज़ करीब 60 हज़ार वाहन खरीदे जाते हैं . यानी हर साल करीब 2 करोड़ 19 लाख वाहन देश की सड़कों पर उतरते हैं . पिछले 17 वर्षों में हमारे देश में रोड नेटवर्क का विस्तार सिर्फ़ 40 प्रतिशत की गति से हुआ है जबकि गाड़ियों की संख्या 355 प्रतिशत की गति से बढ़ी है. ऐसे में हमारा देश चाहे तो सिंगापुर से कुछ शिक्षाएं ले सकता है. सिंगापुर की गिनती दुनिया के सबसे अमीर देशों में होती है. लेकिन 56 लाख लोगों के लिए वहां सिर्फ 6 लाख Private वाहन हैं. 

और सिंगापुर में फिलहाल इन Private वाहनों की संख्या में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी. क्योंकि यहां कार या मोटरसाइकिल खरीदने के लिए सरकार कोटा निकालती है. पहले ये कोटा सालाना 0.25% की दर से बढ़ाया जाता था, लेकिन अब इसे घटाकर 0% कर दिया गया है. इसका मतलब ये है कि जब तक कोई पुराना वाहन सड़क से नहीं हटेगा, वहां के लोग नया वाहन नहीं खरीद सकते हैं. 

सिंगापुर में नई गाड़ी खरीदने के लिए भी बोली लगानी पड़ती है. सिंगापुर Private वाहन को खरीदने के मामले में पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा महंगे देशों में से एक है. सिंगापुर में अगर कोई छोटी Family Car खरीदनी है, तो इसके लिए करीब 48 लाख रुपये चुकाने पड़ते हैं. इसमें कार की कीमत, GST, Excise, अतिरिक्त Registration Fees, डीलर का Margin और 10 साल की वैधता का सर्टिफिकेट की कीमत शामिल है. 

लेकिन सिर्फ कार खरीदना ही महंगा नहीं है, बल्कि उसे रखना भी महंगा है. क्योंकि सिंगापुर में ऑफिस में कार पार्किंग के लिए 1 लाख 60 हज़ार रुपये की सालाना फीस देनी पड़ती है. इसी तरह से Shopping Malls में कार पार्किंग के लिए 64 हज़ार रुपये की सालाना फीस है. घर पर अगर कार पार्क करनी हो, तो उसके लिए भी 57 हज़ार रुपये की फीस चुकानी पड़ती है. कार के Insurance में 1 लाख रुपये से ज्यादा का खर्च आता है. इसके अलावा 30 हज़ार रुपये का Road Tax भी लगता है, जबकि कार की सर्विस पर 1 लाख रुपये से भी ज्यादा खर्च होते हैं. कुल मिलाकर सिंगापुर का एक नागरिक अगर 10 वर्ष के लिए कोई कार रखता है, तो उसे 1 करोड़ 30 लाख रुपये खर्च करने पड़ते हैं. 

लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि सिंगापुर के लोग परेशान हैं. क्योंकि सिंगापुर ने अपनी सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को बहुत बेहतर बनाया है. इसलिए वहां लोगों को वाहन न होने की वजह से कोई परेशानी नहीं होती. भारत को भी इस दिशा में काम करना होगा

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com