बालवाटिका लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए पूर्व प्राथमिक शिक्षा को सशक्त कर रही योगी सरकार

लखनऊ। प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण बुनियादी शिक्षा को मजबूती देने और निपुण भारत मिशन के अंतर्गत निर्धारित बालवाटिका लक्ष्यों की प्राप्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बेसिक शिक्षा विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। इस क्रम में 21 अप्रैल से 26 अप्रैल 2025 तक दीन दयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान (एसआईआरडी), लखनऊ में प्रदेश के 13 जनपदों से आए 50 मास्टर ट्रेनर्स के लिए छह दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रशिक्षकों को खेल एवं गतिविधि आधारित शिक्षण विधियों, कक्षा प्रबंधन तकनीकों तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा (ईसीसीई) के सिद्धांतों में दक्ष बनाना था, ताकि बालवाटिका स्तर पर बच्चों के समग्र विकास को सुनिश्चित किया जा सके।

सरकार का यह प्रयास प्रदेश के शिक्षा तंत्र को नई दिशा देने और उत्तर प्रदेश को बाल शिक्षा के क्षेत्र में एक आदर्श मॉडल के रूप में स्थापित करने की दिशा में बढ़ाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से न केवल बच्चों की बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान में वृद्धि होगी, बल्कि निपुण भारत मिशन की सफलता में भी महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक जनपद में ईसीसीई एजुकेटर्स का एक नया बैच तैयार कर तैनात किया जाएगा।

यह रहा प्रशिक्षण का उद्देश्य

इस प्रशिक्षण का मुख्य लक्ष्य प्रारंभिक शिक्षा में गुणवत्ता सुधार लाना और प्रशिक्षकों को ईसीसीई की महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति जागरूक करना था। कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत ईसीसीई के लिए की गई प्रमुख अनुशंसाओं, निपुण भारत मिशन के लक्ष्य और उसके प्रमुख घटकों पर गहन चर्चा की गई। साथ ही प्रशिक्षकों को यह भी बताया गया कि किस प्रकार पूर्व-प्राथमिक शिक्षा को सशक्त करने के लिए सरकार शैक्षिक और भौतिक संसाधन उपलब्ध करा रही है।

कक्षा प्रबंधन और गतिविधि आधारित शिक्षण पर जोर

प्रशिक्षण में कक्षा प्रबंधन की नवीनतम तकनीकों और खेल एवं गतिविधि आधारित शिक्षण विधियों पर विशेष बल दिया गया। प्रशिक्षकों को राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा और उत्तर प्रदेश राज्य पाठ्यचर्या रूपरेखा (फाउंडेशनल स्टेज) का गहन अध्ययन कराया गया, जिससे वे विकासात्मक रूप से उपयुक्त गतिविधियों को अपनाकर बच्चों के शिक्षा स्तर को बेहतर बना सकें।

सहभागिता आधारित प्रशिक्षण विधियों से चले निपुणता की राह

प्रशिक्षण को अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रदर्शनात्मक गतिविधियाँ, अभ्यास सत्र और सहकर्मी संवाद जैसे सहभागिता आधारित शिक्षण विधियों का प्रयोग किया गया। प्रशिक्षकों को वास्तविक कक्षा परिस्थितियों में सिखाई गई तकनीकों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए तैयार किया गया, ताकि बच्चों के समग्र विकास को सुनिश्चित किया जा सके।

कोट

“यह प्रशिक्षण कार्यक्रम उत्तर प्रदेश में बालवाटिका लक्ष्यों की प्राप्ति और बुनियादी शिक्षा के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत है। शीघ्र ही प्रदेश के सभी 75 जिलों में मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षित कर उनके माध्यम से ई.सी.सी.ई. इजुकेटर्स का गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे राष्ट्रीय शिक्षा नीति की संकल्पना के अनुरूप बुनियादी शिक्षा को सशक्त एवं गुणवत्तापूर्ण बनाया जा सके।”
— संदीप सिंह, बेसिक शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com